जमनीपाली में शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की महिमा पर प्रवचन

छत्तीसगढ़। कोरबा शहर के जमनीपाली में स्थित जय जग जननी कीर्तन मंडली महिला समिति द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन 11 जनवरी को श्रद्धालुओं को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पवित्र प्रसंग सुनाया गया। इस दिन की कथा का शुभारंभ भगवान शिव, माता पार्वती और शिव महापुराण की विधिवत पूजा-अर्चना से हुआ। इसके बाद कथा वाचक आचार्य दीपककृष्ण महाराज ने प्रवचन दिया।

आचार्य दीपककृष्ण महाराज ने प्रवचन में कहा कि वर्तमान समय में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो दुखों से मुक्त हो, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम भगवान का स्मरण करना छोड़ दें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन भगवान के नाम का स्मरण ही हमें हर कठिनाई से उबार सकता है। इसलिए सभी को निरंतर भगवान के नाम का जाप करना चाहिए।

कथा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा सुनाई गई। आचार्य ने बताया कि माता पार्वती का जन्म हिमालय राजा के घर हुआ था। बचपन से ही माता पार्वती भगवान शिव की परम भक्त थीं। यही कारण था कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि विवाह से पूर्व ही तारकासुर राक्षस का तीनों लोकों में अत्याचार बढ़ चुका था और उसका वध भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र से होना था। इसीलिए भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह पहले से ही निर्धारित था, और यह सब भगवान की लीला थी।कथा के दौरान श्रद्धालु भजनों पर नृत्य करते हुए आनंदित हो रहे थे, और कथा स्थल पर भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी रही थी। इस धार्मिक आयोजन ने सभी को भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति में और भी अधिक दृढ़ता प्रदान की।

कथा के दौरान श्रद्धालु भजनों पर नृत्य करते हुए आनंदित हो रहे थे, और कथा स्थल पर भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी रही थी। इस धार्मिक आयोजन ने सभी को भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति में और भी अधिक दृढ़ता प्रदान की।