छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को दूसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की। कवासी लखमा ने कहा- मेरे साथ ईडी के अधिकारियों ने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2160 करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को दूसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की। रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में 8 से 9 घंटे की पूछताछ के बाद कवासी और हरीश बाहर आए। कवासी लखमा ने कहा- जैसा कि दूसरे बताते हैं कि ईडी ने परेशान किया लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मेरे साथ ईडी के अधिकारियों ने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया। एक हफ्ते बाद मुझे फिर बुलाया गया है।
पानी भी पिलाया
पूछताछ के बाद बाहर निकले कवासी लखमा ने बताया कि पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों ने उन्हें पानी भी पिलाया। मेरे मोबाइल को टैपिंग कर सील किया गया, जिसकी वजह से उन्हें टाइम लग गया। लखमा ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि मैं बस्तर की आवाज विधानसभा में उठाता हूं, इसीलिए मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।
दो नंबर की शराब थी तो अफसर जानें
पूर्व मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दो नंबर की शराब यदि बन रही थी तो वह अधिकारी या संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी है। इस बारे में अफसर ही बता सकते हैं। ईडी ने मुझे अगले बुधवार को फिर से बुलाया है। इस बार मैं अपने वकील या ऑडिटर को साथ लेकर जाऊंगा। मैं कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत करूंगा।
आदिवासी नेता को परेशान कर रहे
कवासी लखमा ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि एक आदिवासी नेता को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इसके साथ ही लखमा ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के दौरान ED की इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के कानून पर पूरा भरोसा है। मैं सच के रास्ते पर चल रहा हूं। सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। जब तक लड़ना पड़ेगा, मैं लड़ता रहूंगा।