छत्तीसगढ़ में नारायणपुर के अबूझमाड़ में बीते हफ्ते नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी। अब इस मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने मंगलवार को बताया कि एनकाउंटर के दौरान नक्सलियों ने ग्रामीणों और नाबालिगों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किया था। जिसके चलते चार नागरिक भी गोलीबारी की चपेट में आकर घायल हो गए थे।
इस बारे में पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि माओवादी मिलिशिया सदस्यों ने ओडिशा राज्य कमिटी सदस्य कार्तिक उर्फ दसरू को बचाने के लिए आम नागरिकों का इस्तेमाल किया था। दसरू जिसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था, वह उन सात नक्सलियों में शामिल था, जो सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। यह मुठभेड़ 12 दिसंबर को नक्सलियों का गढ़ मानी जाने वाली दक्षिणी अबूझमाड़ की कल्हाजा-डोंडरबेडा पहाड़ियों पर हुई थी।
सुंदरराज पी. ने कहा, ‘शुरुआती जांच से पता चलता है कि माओवादियों के मिलिशिया सदस्यों ने गोलीबारी के दौरान माओवादी नेता कार्तिक को बचाने के लिए नाबालिगों सहित ग्रामीणों का इस्तेमाल किया। नक्सलियों ने अपने सामान को ढोने के लिए ग्रामीणों को अपने साथ रखा था और मुठभेड़ शुरू होने के बाद उन्होंने इन नागरिकों को कवर के तौर पर इस्तेमाल करते हुए सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की। नक्सलियों की गोलीबारी में चार ग्रामीणों के घायल होने की खबर है।’
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घायल नागरिकों को प्रारंभिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसी खबरें हैं कि इसी मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं और उनका इलाज पास के जंगली इलाकों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगे की जानकारी एकत्र की जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले साल राज्य में 287 नक्सलियों को मार गिराकर और लगभग 1,000 को गिरफ्तार करके नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जबकि पिछले साल 837 अन्य ने आत्मसमर्पण किया।