छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बड़ी घटना सामने आई है। यहां एक सरकारी सहायता प्राप्त आवासीय विद्यालय में कथित तौर पर जहरीला खाना खाने से आठ साल की नाबालिग लड़की की मौत हो गई। इस खाने को खाने के बाद 34 अन्य बच्चे भी बीमार हो गए। बीजापुर जिले के कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया कि धनोरा गांव में माता रुक्मणी आवासीय विद्यालय के कुछ विद्यार्थियों ने रविवार रात को बेचैनी और उल्टी की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें सोमवार को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
घटना के बाद पुलिस ने बताया कि एक मौत के साथ ही बाद में 35 और बच्चे भी बीमार हो गए। बीमार हुए विद्यार्थियों को बीजापुर जिला अस्पताल भेजा गया। सभी विद्यार्थियों में उल्टी-दस्त के लक्षण थे। मिश्रा ने बताया कि बाद में दो विद्यार्थियों की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर भेजा गया। उन्होंने बताया कि दो विद्यार्थियों में से एक कक्षा तीसरी की छात्रा शिवानी तेलम की सोमवार रात जगदलपुर स्थानांतरित किए जाने के दौरान मौत हो गई। घटना की जानकारी के मुताबिक, बीमारी का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है, मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर बीआर पुजारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया बीमारी का कारण विषाक्त भोजन लग रहा है। हालांकि, इसका सही कारण जानने के लिए जांच की जा रही है। पुजारी ने बताया कि अन्य बीमार बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में करीब 88 बच्चे पढ़ते हैं तथा उन्होंने रविवार को रात के खाने में पनीर खाया था और इससे पहले दिन में उन्होंने खीर और पूड़ी खाई थी। इस बीच, मृतक बालिका के परिजनों ने घटना के लिए आवासीय विद्यालय के अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।