फ्लाईएश एसोसिएशन की हड़ताल जारी: NTPC की अनदेखी, एजेंसियों से मध्यस्थता में प्रबंधन नहीं दिखा रहा रुचि! वित्त मंत्री ओपी से मिली उम्मीद की किरण

रायगढ़। फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एनटीपीसी लारा के बाहर स्थानीय गाड़ी मालिकों की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुई हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। हड़ताल के चलते प्लांट का कार्य प्रभावित हो रहा है, क्योंकि वाहन सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। स्थानीय गाड़ी मालिकों की स्थिति इन दिनों बेहद कठिन हो चुकी है, क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने में जद्दो-जहद करनी पड़ रही है। एसोसिएशन के सदस्य लगातार अपनी मांगों के समाधान की कोशिशों में जुटे हुए हैं, लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन और एजेंसियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे गाड़ी मालिकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी को ज्ञापन सौंपने एसोसिएशन के प्रतिनिधि पहुंचे भाजपा कार्यालय

गाड़ी मालिकों का कहना है कि उनकी रोज़ी-रोटी इस व्यवसाय पर निर्भर है, और एजेंसी के मनमानी और एनटीपीसी प्रबंधन की अनदेखी के कारण उन्हें अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है। गाड़ी मालिकों का यह भी कहना है कि वर्षों से वे एनटीपीसी के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन अब उनके मूलभूत अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

वित्त मंत्री से मिला एसोशिएशन का शिष्टमंडल

वित्त मंत्री से मिला आश्वासन
बुधवार को एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने रायगढ़ विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए समाधान की गुहार लगाई। प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को 10 सूत्रीय मांगों का विवरण दिया और उनकी समस्याओं को जल्द हल कराने का आग्रह किया।ओपी चौधरी ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर कलेक्टर और प्रबंधन से चर्चा कर जल्द समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने हड़ताल कर रहे गाड़ी मालिकों की मांगों को न्यायोचित बताया और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

10 सूत्रीय मांगें
गाड़ी मालिकों की मुख्य मांगों में शामिल हैं:

  1. ओवरलोडिंग को पूर्णतः बंद किया जाए।
  2. कार्य एजेंसियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
  3. 80% गाड़ियां स्थानीय गाड़ी मालिकों को आवंटित हों।
  4. भाड़े का भुगतान एक माह के भीतर किया जाए।
  5. टेंडर प्रक्रिया से पहले कार्य एजेंसियों और यूनियन के बीच बैठक सुनिश्चित की जाए।
  6. यूनियन के सदस्य को कांटे (वजन मापक स्थल) पर बैठने की अनुमति दी जाए।
  7. लोडिंग स्थल तक वाहनों के आवागमन के लिए उचित मार्ग निर्माण किया जाए।
  8. भाड़े की दर 5.50 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर तय हो।
  9. अनलोडिंग स्थल पर वाहनों को जल्द खाली कराने के लिए एजेंसियों को निर्देशित किया जाए।
  10. कंपनी प्रबंधन कार्य स्थल पर बैठक कर शांतिपूर्वक कार्य सुनिश्चित करे।
धरना स्थल पर प्रदर्शन जारी

एनटीपीसी प्रबंधन की चुप्पी
हालांकि गाड़ी मालिकों ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन अब तक प्रबंधन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का कहना है कि एनटीपीसी प्रबंधन इस मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहा है, जिससे स्थिति और भी जटिल होती जा रही है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी को इस मामले में कार्य एजेंसियों के साथ बैठक कर एक समाधान तक पहुंचने की आवश्यकता है

वाहनों के पहिए थमे

हड़ताल जारी
गाड़ी मालिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होता, वे हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। हड़ताल के चलते एनटीपीसी लारा का कार्य ठप है, जिससे उत्पादन प्रक्रिया बाधित हो रही है। गाड़ी मालिकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होता, वे हड़ताल नहीं हटाएंगे। वे चाहते हैं कि एनटीपीसी प्रबंधन और संबंधित एजेंसियों से उनकी आवाज़ सुनी जाए और उनके साथ समझौता किया जाए, ताकि उनके और उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान हो सके।

इस हड़ताल ने क्षेत्र में स्थानीय गाड़ी मालिकों के हक और उनकी समस्याओं को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और प्रबंधन इस मामले को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।