
- हमें भी देश-धर्म की रक्षा का संकल्प लेना होगा
खरसिया। अंचल के प्रसिद्ध भगवताचार्य पं.दीपककृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिस तरह अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हमले हो रहे हैं और उनके घरों मंदिरों प्रतीक चिन्हों पर भी हमला हो रहा है, यह चिंता का विषय है और हम हिंदुओं के लिए बहुत खतरनाक है।
वहीं कहा कि गुरु घासीदास, सद्गुरू कबीर, गुरु नानक, गुरु गोविंद सिंह, तिरुवल्लूवर, गुरु रविदास महाराज, तुकाराम, वसवन्ना, चोखामेला, चैतन्य महाप्रभु इत्यादि हमारे भारत के अनेकों साधु संतों गुरुओं और महापुरुषों ने भारत की एकता और अखंडता के लिए ही काम किया है। इन सभी महापुरुषों के पास सुंदर, समरस समाज का निर्माण का बेहतर सपना रहा है। इनसे प्रेरणा लेकर आज भी अपने आपको समर्थ बनाना ही एक मात्र विकल्प है। हिन्दू धर्म की वास्तविक शक्ति वह सामान्यजन हैं जो किसी संस्था या संप्रदाय से जुड़े बिना विष्णु, दुर्गा, शिव, राम, कृष्ण सभी को समान भाव से मानने वाले हैं।
ग्राम देवता और कुलदेवता प्रकृति में भी जिनकी आस्था है, भले ही उन्होंने वेद उपनिषद दर्शन शास्त्र नहीं पढ़े, फिर भी इनके प्रति उनमें श्रद्धा का भाव है। हर तीज-त्यौहार पर नदी के तट और मंदिर की चौखट पर उनकी उपस्थिति से ही यह अनुभव होता है कि भारत हिंदुओं का राष्ट्र है। धर्मानुकूल व्यवहार, सदाचारी जीवन, अध्यात्मिकता, वेदादि शास्त्रों का ज्ञान जीवन को सफल बनाने के एकमात्र विकल्प हैं। हमारे देश, हमारी आध्यात्मिकता, हमारी आस्था, हमारी श्रेष्ठता, हमारी विरासत, हमारी महानता, हमारे स्वर्णिम इतिहास सभी को मिटाने के लिए वर्षों से सुनियोजित षड़यंत्र चलाया जा रहा है।
बागेश्वर सरकार का आभार
पं.दीपककृष्ण शास्त्री ने कहा कि सभी महापुरुषों के पावन सन्देश को आज और अभी के समय में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री जी ने पूरा करने का बीड़ा उठाया है। हमें उनका आभार मानना चाहिए कि वे जातिवाद और कायरता का त्याग करने के साथ संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी से हिन्दू समाज का हित संभव है। हम सभी को देश, धर्म की रक्षा का संकल्प लेना अतिआवश्यक है। आज जिस तरह से सभी ने सनातन एकता पदयात्रा में बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री का साथ दिया वह सराहनीय है, अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो सभी को ऐसे ही एक साथ देश धर्म के के लिए कार्य करना होगा।
