सक्ति: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विधानसभा सत्र में यह स्पष्ट घोषणा की गई थी कि छोटे ट्रैक्टर में रेत (बालू) मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे गरीब और जरूरतमंद लाभार्थी आसानी से अपने घर का निर्माण कर सकें। लेकिन अत्यंत खेद का विषय है कि यह सुविधा आज तक लागू नहीं हुई है। उल्टा, लाभार्थियों से रेत लाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। यह उन गरीब लोगों के साथ अन्याय है, जिनके पास पहले से ही सीमित साधन हैं और जो सरकार की इस योजना से थोड़ी राहत की उम्मीद कर रहे थे।
इस अन्यायपूर्ण स्थिति के अलावा, क्षेत्र में अधूरे पड़े सड़क निर्माण के कारण लोग बड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। न केवल सड़कें अधूरी पड़ी हैं, बल्कि जिन लोगों की जमीन इस निर्माण में ली गई है, उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया गया है। इन बुनियादी जरूरतों की अनदेखी न केवल जनता के साथ विश्वासघात है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का प्रमाण भी है।
हम मांग करते हैं कि:
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घोषित मुफ्त रेत की सुविधा तुरंत लागू की जाए।
- क्षेत्र में सभी अधूरे सड़क निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं।
- जिन लोगों का मुआवजा बकाया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से मुआवजा दिया जाए।
क्षेत्र के गरीब किसान और हितग्राही, जो पहले से ही कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं, अब और अनदेखी सहने की स्थिति में नहीं हैं। जब तक शासन-प्रशासन द्वारा गरीबों और किसानों के हित में उचित जवाब और कार्यवाही नहीं की जाती, तब तक हमारा आमरण अनशन जारी रहेगा। यह अनशन केवल व्यक्तिगत विरोध नहीं, बल्कि उन सभी आवाजों का प्रतीक है, जिन्हें अनसुना किया गया है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
आपका अपना रामकुमार