दीपावली का जश्न या दुर्घटना का खतरा : खरसिया में पटाखों की बिक्री की असली तस्वीर

खरसिया: दीपावली के अवसर पर खरसिया के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री चिंता का विषय बन गई है। नगर पालिका के ग्राउंड में अस्थायी दुकानों की भरमार के बीच सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी से स्थानीय निवासियों के जीवन और संपत्ति को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई व्यापारी अपने घरों में पटाखों का बड़ा भंडारण कर रहे हैं, जबकि कई विक्रेता बिना किसी सुरक्षा उपाय के पटाखों की बिक्री कर रहे हैं। नगरपालिका ग्राउंड में दुकानों में न तो टिन का शेड है, न ही आग बुझाने के उपकरण मौजूद हैं। ऐसे में यदि कोई आगजनी की घटना होती है, तो पूरा इलाका प्रभावित हो सकता है। जो टेंट भी लगे हैं उसमें बांस और तिरपाल-प्लास्टिक का उपयोग किया गया है।

इस स्थिति को लेकर स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता और आक्रोश है। उनका कहना है कि घनी आबादी में पटाखों की बिक्री की अनुमति देना एक बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित करने जैसा है। कई परिवारों का जीवन इस लापरवाही के कारण संकट में पड़ सकता है। निवासियों ने नगर पालिका और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका मानना है कि बिना सुरक्षा उपायों के पटाखों की बिक्री की अनुमति देना प्रशासन की बड़ी चूक है। नागरिकों का कहना है कि क्या प्रशासन को किसी बड़े हादसे के बाद ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा?

समाधान की दिशा में कदम
स्थानीय लोगों का सुझाव है कि प्रशासन को इन दुकानों की नियमित निगरानी करनी चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। भविष्य में, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ताकि निवासियों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की सक्रियता की उम्मीद की जा रही है, ताकि खरसिया के निवासियों को एक सुरक्षित दीपावली का अनुभव हो सके।