- कहीं 1 तो कहीं 2 किलोमीटर ही बन सकी सड़क, किसानों की रजिस्ट्री अटकी तो काम रोका गया
- सूपा के नेशनल हाईवे को नहरपाली से जोड़ना था
रायगढ़। रायगढ़ से चन्द्रपुर नेशनल हाईवे की सड़क को बिलासपुर हाईवे से सीधे जुड़ जाए इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से 120 करोड़ रूपए 48 किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए लोन लिया गया था। लोन की राशि पूरी नहीं मिलने की वजह से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया के साथ मुआवजे का वितरण भी अटक गया है। कृषकों ने अपने जमीन पर सड़क बनाने से साफ इंकार कर दिया है।
इसमें मजेदार किस्सा यह हैं कि पीडब्ल्यूडी से जुड़े एडीबी के इंजीनियरों ने सूपा, कोतमरा, पुटकापुरी जैसे गांवों में तो एक से दो किलोमीटर की सड़क भी बना दी। लेकिन बाकी गांवों में काम रूक गया हैं क्योंकि किसानों को जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद मुआवजे राशि देने के लिए अफसरों के पास बजट नहीं है । यह प्रोजेक्ट एक तरह से ठंडे बस्ते में चला गया है। राजस्व विभाग के अफसरों के अनुसार इसमें 22 गांवों में किसानों से आपसी सहमति से सीधी एडीबी जमीन लेकर सड़क बनाती, लेकिन इसमें बताया जाता हैं कि चार से अधिक गांवों में जमीन अधिग्रहण कर मुआवजे का वितरण हो सका, लेकिन बाकी गांवों में फंड नहीं मिला तो रजिस्ट्री भी अटक गई।
इसमें बताया जाता हैं कि इस प्रोजेक्ट में करीब 50 करोड़ रूपए से अधिक का मुआवजे का वितरण होना था, यह प्रक्रिया अटकी हुई है। साढ़े 4 साल पहले शुरू किया गया था यह प्रोजेक्ट यह प्रोजेक्ट करीब साढ़े 4 साल पहले शुरु हुआ था, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट करीब 5 साल पुराना हो चुका है, लेकिन यहां काम पूरा नहीं हो सका है। यह सड़क बनती तो इसका फायदा यह होता कि कोड़ातराई, सारंगढ़, चन्द्रपुर से आने वाली गाड़ियां सीधे नहरपाली होकर बिलासपुर के लिए निकल जाती और इन गाड़ियों को रायगढ़ आना ना पड़ता, इसलिए यह सड़क बनाई जा रही थी, लेकिन यह काम फंड के अभाव में ठंड़े बस्ते में चला गया।
इस प्रोजेक्ट में गाईडलाइन दर से चार गुना अधिक राशि दी जानी है, हालांकि एडीबी का जिले में तीन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। जिसमें बाकारूमा से लैलूंगा करीब 22 किलोमीटर की सड़क में फारेस्ट क्लीयरेंस का मामला अटके होने की वजह से यहां भी काम लंबे समय तक अटका रहा है, इसी तरह धरमजयगढ़ से कापू 32 किलोमीटर की सड़क के लिए 96 करोड़ रूपए में भी भूअर्जन और फारेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने की वजह से यहां भी सड़क का काम पूरा नहीं हो पाया है । यह सारे कामकाज अटके होने की वजह से इन सारे सड़कों में कामकाज नहीं हो पाया है। यह सारे सड़क प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है।