- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किरोड़ीमल नगर और उप स्वास्थ्य केंद्र नावापारा-अ ने हासिल किए प्रमाण पत्र
- राष्ट्रीय स्तर से पहुंची टीम ने किया था मूल्यांकन, स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न मानकों पर खरा उतरने पर मिली उपलब्धि
रायगढ़, 9 अक्टूबर 2024/ रायगढ़ जिले में दो स्वास्थ्य केंद्रों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आवश्वासन मानक कार्यक्रम अंतर्गत रायगढ़ जिले के दो स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय क्वालिटी सर्टिफिकेट प्राप्त हुए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किरोड़ीमलनगर एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र नावापारा अ विकासखंड पुसौर को क्वालिटी सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने इसके लिए इन स्वास्थ्य केंद्रों के सभी स्टाफ को बधाई दी है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जिसे एनक्यूएएस भी कहा जाता है। अस्पतालों में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता जाँचने की भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से शुरू की गई मूल्यांकन व्यवस्था है।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र (एनक्यूएएस सर्टिफिकेट) के लिए राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकनकर्ताओं की टीम पहुंची थी। जिसमें बैंगलोर से डॉ गोपी लक्ष्मण और दिल्ली से डॉ शालिनी चावला शामिल थे। टीम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किरोड़ीमलनगर में एनक्यूएएस के लिए 06 विभागों- ओपीडी, आईपीडी, लेबोरेट्री, लेबर रूम, नेशनल हेल्थ प्रोग्राम और जनरल एडमिनिस्ट्रेशन का 29 एवम 30 अगस्त को आंकलन किया। आंकलन में 06 विभागों ने समस्त मानदंडों को पूर्ण करते हुए कुल मिलाकर 85.16% स्कोर प्राप्त किया। इसी प्रकार उप स्वास्थ्य केन्द्र नावापारा अ में भी राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा 31 अगस्त 2024 को मूल्यांकन किया गया। जिसमें एनक्यूएएस के लिए 07 सर्विसेज पैकेजेस का आंकलन किया गया। जिसमें समस्त मानदंडों को पूर्ण करते हुए कुल मिलाकर 80.28% स्कोर प्राप्त किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायगढ़, डॉ. बी. के. चन्द्रवंशी ने बताया कि कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में तथा स्वास्थ्य संस्थाओं के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के सहयोग से हम इस उपलब्धि को हासिल कर पाये है।
तीन चरण और आठ मानकों पर खरा उतरने पर मिलता है गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेट
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सार्टिफिकेट के लिए तीन चरणों में मूल्यांकन होता है। पहले जिला स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन जिसके बाद राज्य और अंत में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा आंकलन किया जाता है। इसमें सेवा गुणवत्ता, मरीजों के अधिकार, मानव और चिकित्सा संसाधन, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सेवाएं, संक्रमण नियंत्रण के लिए कार्य, गुणवत्ता प्रबंधन तथा मरीजों को मिल रही सेवाओं के इंडिकेटर्स के आधार पर गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र के लिए चयन किया जाता है।