छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने एक साजिश का अंदेशा जताया है। पढ़ें पत्र का मजमून…
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। उन्होंने CJI से राज्य में केंद्रीय और राज्य जांच एजेंसियों के कामकाज की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच का आदेश दिए जाने की मांग की है। भूपेश बघेल ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में यह भी शिकायत की है कि सूबे में विभिन्न अपराधों से जोड़ने के लिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
भूपेश बघेल ने 21 सितंबर को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी, निष्ठा और गरिमा के साथ पालन किया। छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में कथित अवैध वसूली के एक प्रकरण की जांच ईडी बीते चार वर्षों से कर रही है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य की एसीबी/ईओडब्ल्यू की ओर से भी एक केस दर्ज किया गया है।
ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों को एसीबी/ईओडब्ल्यू ने भी नए केस में जेल में बंद कर रखा है। इनमें से एक सूर्यकांत तिवारी नाम का व्यापारी भी है। सूर्यकांत तिवारी ने नौ सितंबर को सत्र न्यायाधीश/विशेष पीएमएलए कोर्ट के समक्ष आवेदन देकर कहा है कि आठ सितंबर को एसीबी/ईओडब्ल्यू के निदेशक आईपीएस अमरेश कुमार मिश्रा जेल पहुंचे और उन्होंने उससे कहा कि वह कोयला मामले में मेरी (भूपेश बघेल) की संलिप्तता बता बयान दर्ज कराए।
बघेल ने लिखा- तिवारी ने अपने आवेदन में कहा है कि आईपीएस अमरेश कुमार मिश्रा ने उसको मेरा नाम नहीं लेने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है। सूर्यकांत तिवारी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। इस मुलाकात के लिए न तो संबंधित न्यायालय से और न किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई। महोदय, आईपीएस अमरेश कुमार मिश्रा की तिवारी के साथ मुलाकात विधि के सिद्धांतों के विपरीत है। यह एक सुनियोजित साजिश है।
बघेल ने आगे कहा कि इस साजिश का मकसद मेरा नाम अपराध से जोड़ना है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ऐसा अपराध कर गंभीर साजिश रच रहे हैं। इससे पहले भी जांच एजेंसियों के माध्यम से मेरा नाम किसी न किसी अपराध से जोड़ने की कोशिशें की जा चुकी हैं। कोयला मामले में जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया, उनको ईडी ने प्रताड़ित किया और यह दबाव बनाया कि वे मेरी संलिप्तता का बयान दें।
बघेल ने कहा है कि मेरी सरकार ने महादेव ऐप के नाम से संचालित अवैध ऑनलाइन सट्टा व्यवसाय के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। इस मामले में 72 केस दर्ज किए। सैकड़ों बैंक खाते सील किए गए और करोड़ों की राशि जब्त की। मेरी ही सरकार ने महादेव ऐप संचालकों के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया और केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि आरोपी विदेश भाग गए हैं इसलिए केंद्र उन्हें भारत लाने की कार्रवाई करे।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई ना करके इसे राजनीतिक रंग दिया। इस मामले में ईडी ने चुन-चुन कर उनके करीबी लोगों पर छापे की कार्रवाई की। हाल में रायपुर सेंट्रल जेल में सूर्यकांत तिवारी के साथ जो घटना घटी और पहले जो घटनाएं घटी उन सबका मकसद मुझे बदनाम करके राजनीतिक लाभ उठाना था।
उल्लेखनीय है कि ईडी कोयला लेवी और महादेव ऐप घोटालों की जांच कर रहा है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद, राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू ने भी कथित घोटालों में एक अलग केस दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित 18 लोगों में भूपेश बघेल का नाम भी शामिल है। राज्य सरकार ने पिछले महीने महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप को लेकर दर्ज मामलों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।