- आयोजन समिति की बैठक में तय हुई रूपरेखा
चार दिवसीय रामलीला, श्रीराम शोभायात्रा मुख्य आकर्षण
रायगढ़। चक्रधरनगर चौक में इस बार 37वें दुर्गा पूजन उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। इसके आयोजन के लिए चक्रधरनगर युवा समिति की एक आवश्यक बैठक 6 सितंबर को चक्रधरनगर चौक में संपन्न हुई। बैठक में शांति और सौहार्द्र पूर्ण तरीके से 9 अक्टूबर से 3 दिवसीय दुर्गा उत्सव मनाने के लिए जिम्मेदारी तय की गई। आयोजन का अध्यक्ष शरद महापात्रे और व कोषाध्यक्ष सुशील गुप्ता और सचिव रोशन चंद्र सह सचिव प्रदीप महापात्रे को बनाया गया है।
विदित हो कि चक्रधर नगर चौक दुर्गा समिति द्वारा 36 से साल से दुर्गा पंडाल बनाया जा रहा है। जहां देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर 3 दिनों तक विधि-विधान से पूजन के बाद चौथे दिन यानी दशहरा को माता दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है। दुर्गोत्सव के दौरान चक्रधरनगर क्षेत्र में लाखों भक्तों की भीड़ होती है। दूर-दूर से लोग दुर्गा पंडाल देखने आते हैं। बीते 36 साल से यह आयोजन हो रहा है। पहले दुर्गा पंडाल वर्तमान के दुर्गा चौक में ही लगाया जाता था फिर ट्रैफिक बढ़ने के कारण इसे चक्रधरनगर चौराहे में बैठाया जाने लगा फिर यहां भी दर्शकों की भीड़ और पंडाल की भव्यता के कारण चक्रधरनगर बस स्टैंड में बीते 10 साल से पंडाल लगाया जा रहा है।
चक्रधरनगर दुर्गोत्सव समिति के अध्यक्ष शरद
महापात्रे ने बताया कि चक्रधरनगर चौक की माता दुर्गा पंडाल में कम-से-कम 10 मोहल्ले आते हैं जो मिलकर यह आयोजन करते हैं। हमारे यहां के युवा शांतिप्रिय तरीके से सभी धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेते हैं। कहने को तो यह आयोजन 4 दिन का होता है पर इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। पंडाल को ही बनाने में एक महीने का समय लगता है। फिर पंडाल के अनुसार माता की प्रतिमा का निर्माण होता है। यह दुर्गोत्सव पूजन का गरिमामय 37 वां आयोजन है जिसमें चक्रधरनगर के युवाओं का जोश व मेहनत और वरिष्ठों का मार्गदर्शन मिलता है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष शरद महापात्रे ने बताया कि इस बार का दुर्गोत्सव बीते हर बार से ज्यादा भव्य और व्यापक होगा। पूजन में आने वाले भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किये जाएंगे ताकि उन्हें माता के दर्शन में किसी तरह की तकलीफ न हो। माता की कृपा से चक्रधरनगर की दुर्गा पूजन का आयोजन हमेशा बेहतर रहा है। मुझे दूसरी बार जिम्मेदारी मिली है पूरी कोशिश रहेगी कि दुर्गोत्सव शानदार तरीके से भक्तिभाव में संपन्न हो।
रविवार को दुर्गोत्सव आयोजन की बैठक में सर्वसम्मति से कौशलेष मिश्रा विवेक रंजन सिन्हा और पंकज कंकरवाल को संरक्षक बनाया गया। इस बैठक में अरुण उपाध्याय, सुशील गुप्ता, प्रदीप महापात्रे, रवि महापात्रे, भानु महापात्रे, सौरभ थवाईत,बल्ला मिश्रा, रोशन चंद्रा, आशिक हुसैन, केशव जायसवाल, बंटी वैष्णव,राहुल लांबट, पृथ्वी कंकरवाल,बाबू कंकरवाल,विकास गुप्ता, अभिलाष गुप्ता, देवेंद्र महापात्रे, नीरज तेलंग, राजू सारथी, लोकेश वर्मा, आलोक देशमुख, प्रशांत कोका, बिरजू साहू, मनोज चौहान,की विशेष उपस्थिति रही।
रामलीला में दिखेगी स्थानीयता
रामलीला मंचन, चक्रधरनगर दुर्गोत्सव की बीते कुछ सालों से अब पहचान बन गई है। यह रामलीला सिर्फ 4 दिनों की होती है जिसमें रामायण के मुख्य विवरणों को स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इसे देखने के लिए गांव-गांव से लोग आते हैं और कई दफे यह देर रात तक चलती है। रामलीला में स्थानीयता का भाव और पुट दोनों समाहित होता है जिसे लोग काफी पसंद करते हैं।
इस बार भी रामलीला के आखिरी दिन यानी दशहरा के दिन यहीं से प्रभु श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकलेगी जो चक्रधरनगर के मुख्य मार्ग-मोहल्ले से होते हुए शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम तक जाएगी जहां फिर रावण दहन का कार्यक्रम होगा।