रायगढ़, 3 सितम्बर 2024/ आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीणों के लिए मनरेगा योजना लाभकारी साबित हो रहा है। मनरेगा योजना के तहत कुंआ, डबरी, पौधारोपण, भूमि समतलीकरण कार्य कराए जाने से रोजगार के साथ ही खेती किसानी में लाभ मिलने से ग्रामीण सुदृढ़ हो रहे है। इस योजना के तहत कुंआ निर्माण उपरांत सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलने से सालभर सब्जी व अन्य फसल का उत्पादन ग्राम पंचायत बिजना के ग्रामीण श्री वासुदेव कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि जिले के जनपद पंचायत तमनार अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजना के पंचायत से श्रमिक वासुदेव मिरधा को मनरेगा योजना के तहत कुंआ निर्माण से बेहतर उत्पादन ने सशक्त बना दिया। वासुदेव ने बताया कि उनके पास जमीन होने के बाद भी पर्याप्त पानी के अभाव में खेती नहीं कर पा रहा था। इसके निराकरण को लेकर गांव में होने वाली बैठक में वासुदेव ने अपनी समस्या बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कुंआ की आवश्यकता है। बैठक में मनरेगा रोजगार सहायक ज्वाला प्रसाद गुप्ता ने उन्हें जानकारी दी की मनरेगा के माध्यम से डबरी, कुंआ का निर्माण किया जाता है। फिर उन्होंने अपने दस्तावेजों को तैयार कराकर प्रस्ताव के साथ जमा किया। प्रस्ताव को ग्राम सभा से मंजूरी मिली और फिर शुरू हुआ आगे बढऩे का सिलसिला। जिला पंचायत से मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 2.5 लाख रूपए की लागत से निर्माण कार्य स्वीकृति हुआ और कुछ ही महीनों में कुंआ बन कर तैयार हो गया। अब वासुदेव बरसात सीजन में धान तथा ग्रीष्म सीजन में सब्जी की खेती कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रहा है।
अकुशल श्रमिकों को मिला रोजगार
मनरेगा योजना से कुंआ निर्माण कार्य में हितग्राही के अलावा गांव के अन्य श्रमिकों को रोजगार मिला। वासुदेव के परिवार के अलावा गांव के दर्जनभर श्रमिकों ने कुल 575 मानव दिवस सृजित किए। जिससे कुंआ कुछ ही महीने में तैयार हो गया। इसके लिए जॉब कार्डधारी मजदूरों को सरकार द्वारा उनके खाते में राशि अंतरित की गई। वासुदेव के मुताबिक कुंआ निर्माण कार्य के लिए मिट्टी कठोर होने से दिक्कत आया इसके बावजूद अथक प्रयास ने कुंआ निर्माण संपन्न हुआ और अब लबालब पानी भरा हुआ है।
सालभर कर रहा खेती
अब कुंआ में पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से बरसात में धान का फसल उपज कर रहा है। पानी की कमी होने पर पंप के माध्यम से सिंचाई करते है। इसके अलावा ठंड और गर्मी के दिनों में भिण्डी, टमाटर, आलू, करेला, बरबट्टी, लौकी, खीरा, ककड़ी इत्यादि की खेती कर आर्थिक लाभ अर्जित कर रहा है। इस कार्य में मदद के लिए दो-तीन मजदूरों को रखा है। जिससे उन्हे भी रोजगार प्रदान कर रहा है। हितग्राही बताते हैं कि मनरेगा से जुडकर ग्रामीणों को जो आर्थिक संसाधन प्राप्त हुए है, उससे वे मौजूदा हालात में काफी राहत महसूस हुई है।