- सारडा एनर्जी से ज्यादा बिड डालने के बाद भी ऑफर नहीं मिलने पर की आपत्ति
रायगढ़। दिवालिया हो चुकी एसकेएस पावर जेनरेशन कंपनी के अधिग्रहण प्रक्रिया को एक अन्य दावेदार कंपनी टोरेंट पावर ने चुनौती दी है। टोरेंट पावर का दावा है कि उसकी ओर से सर्वाधिक अपफ्रंट एमाउंट की बिड डाली गई थी, लेकिन सारडा एनर्जी को गलत तरीके से कंपनी सौंप दी गई। कुल 1200 मेगावाट का प्रोजेक्ट एसकेएस पावर जेनरेशन खरसिया के बिंजकोट में स्थापित किया गया है। वर्तमान में 300-300 मेगावाट की दो यूनिट संचालित हैं। कंपनी पर करीब 3000 करोड़ का कर्ज हो गया था जिसे कंपनी नहीं चुका पाई। लोन एनपीए होने के बाद कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया। बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व में कर्जदाताओं ने एनसीएलटी में प्रकरण दायर किया।
कुल 2560 करोड़ के क्लेम स्वीकार किए गए। एसकेएस पावर को खरीदने के लिए एनटीपीसी, रिलायंस, जिंदल ग्रुप, टोरेंट पावर, वेंटेज प्वाइंट, सारडा एनर्जी आदि कंपनियों ने बिड डाली थी। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने सारडा एनर्जी के करीब 2200 करोड़ के ऑफर को स्वीकार किया था। इस डील के विरुद्ध अपील की गई थी लेकिन 13 अगस्त को एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने आपत्तियों को खारिज कर दिया। टोरेंट पावर ने एसकेएस पावर के एप्रूव्ड प्लान की प्रति मांगी, जिससे इंकार कर दिया गया।
अब लग रहा था कि अंतत: एसकेएस पावर पर सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स का अधिकार हो गया लेकिन अब भी इसमें कुछ दिक्कतें हैं। टोरेंट पावर ने अब इस डील को नेशनल कंपनी लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है। उसका आरोप है कि चयन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है। सारडा एनर्जी से ज्यादा अपफ्रंट एमाउंट देने का ऑफर दिया गया था लेकिन इसे रिजेक्ट कर दिया गया। दूसरे नंबर की कंपनी के प्लान को स्वीकार किया गया। सारडा एनर्जी ने 1950 करोड़ का अपफ्रंट एमाउंट देने का ऑफर दिया था जिसे मंजूरी दी गई। अब एनसीएलएटी में मामला पहुंच गया है।
सारडा एनर्जी ने जमा की रकम
इधर डील को एनसीएलटी से हरी झंडी मिलते ही सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स ने 1950 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं। प्रकरण एनसीएलएटी में चलेगा। सारडा एनर्जी को रायगढ़ जिले में गारे पेलमा 4/7 कोयला खदान आवंटित है। लेकिन कोई प्लांट नजदीक नहीं है। एसकेएस पावर पर अधिकार मिलने के बाद सारडा एनर्जी की साख में बढ़ोतरी होगी। एसकेएस में ही यहां का कोयला इस्तेमाल किया जाएगा।