रायगढ़। जिले में एक बार फिर से जंगली हाथियों की संख्या में इजाफा हुआ है। रायगढ़ व धरमजयगढ़ दोनों वनमंडलो में इन दिनों 124 हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहे है। जिससे हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हाथियों का खौफ ऐसा है कि कई गांव ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हो चुके हैं।
मिली जानकारी के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग-अलग रेंज में इन दिनों जहां 69 हाथी विचरण कर रहे हैं जिसमें बायसी में 05 हाथी, कुमरता में 12 हाथी, लमडांड में 21 हाथी, हाटी में 20 हाथी के अलावा अलग-अलग रेंज में हाथी की मौजूदगी है। इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के भी 55 हाथी विचरण कर रहे है। जिसमें पडिगांव में 02 हाथी, बंगुरसिया पश्चिम में 10 हाथी, छोटे पण्डरमुडा में 14 हाथी के अलावा घरघोड़ा के कया में सर्वाधिक 29 हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथियों के इस दल में 38 नर, 53 मादा एवं 33 बच्चे शामिल है।
बंगुरसिया मार्ग में डरो शाम को
एक अन्य जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर स्थित बंगुरसिया गांव में इन दिनों हर दूसरे से तीसरे दिन सडक़ किनारे हाथी आ जाने से जहां इस मार्ग में वाहनों के पहिये पूरी तरह से थम जा रहे हैं। वहीं कुछ राहगिर हाथी को देखने उमड़ रहे हैं। कुछ ग्रामीण बताते हैं कि अब शाम के समय इस मार्ग आवाजाही करने में वे डरने लगे हैं।
20 किसानों की फसलों को नुकसान
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात रायगढ़ जिले के जंगलों में विचरण करने वाले जंगली हाथियों ने एक ही रात में 20 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसमें क्रोन्धा में 02 किसानों की धान की फसल को नुकसान, बरतापाली में 13 किसानों की फसल को नुकसान, मेढरमार में 01 किसान की फसल को नुकसान, जमबीरा, सोखामुडा में 02 किसानों की धान की फसल को नुकसान, के अलावा हाटी और पुरूंगा में भी 02 किसानों की धान की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।
रतजगा करने पर विवश ग्रामीण
हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से गांव में हाथियों की मौजूदगी के चलते कभी उनके घरों को तो कभी उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है। रात के समय हाथी के गांव में आते ही विद्युत सप्लाई बंद कर दी जाती है जिससे डर और अधिक बढ़ जाता है इस वजह से वे रतजगा करने पर विवश हो जाते हैं।
विभाग रहती है मुस्तैद
हाथी प्रभावित क्षेत्र में वन विभाग की टीम के अलावा हाथी मित्र दल के सदस्यों के द्वारा गांव-गांव पहुंचकर मुनादी कराकर गांव के ग्रामीणों को हाथियों से सावधानी बरतते हुए जंगल नही जाने की सलाह दी जाती है। साथ ही साथ गांव में हाथी आने पर उससे दूरी बनाये रखने अपील की जाती है। ताकि क्षेत्र में जनहानि की घटना घटित न हो।