छत्तीसगढ़ में 12 जगहों पर CBI की छापेमारी, लपेटे में कांग्रेस नेता भी; क्या है वजह

सीबीआई आज 8 अगस्त को छत्तीसगढ़ में 12 अलग-अलग जगहों पर रेड डाल रही है। इनमें राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और धमतरी समेत कई जिले शामिल हैं। रेड डालने का कारण छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हुई धांधली और अनियमितता है। बीते महीने दायर किए गए मामले में आरोप लगा था कि राज्य के तमाम बड़े अधिकारियों और नेताओं ने अपने बच्चों ओर रिश्तेदारों को राज्य में होने वाली पीसीएस परीक्षा में नियम-कानून का उलंघन करके अनुचित लाभ पहुंचाया है।

बताया जा रहा है कि ऊंचे पदों पर आसीन नेताओं और अफसरों के बच्चों और रिश्तेदारों को सीजीपीएससी परीक्षा में शामिल करने के लिए कथित तौर पर हेरफेर किया गया था। इस परीक्षा का रिजल्ट 11 मई 2023 को घोषित किया गया था। इस परीक्षा में कुल 171 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। इनमें से 17 लोगों के नाम एफआई दर्ज की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि हमने रायपुर में भाई-भतीजावाद का कथित तौर पर लाभ उठाने वालों के छह, दुर्ग में तीन, महासमुंद और धामतारी में दो-दो और सरगुजा व बिलासपुर में एक-एक ठिकाने पर छापे मारे गए।

अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने 16 ऐसे परीक्षार्थियों को नामजद किया है, जिन्हें उप कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य बड़े पदों पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को उनमें से 15 के ठिकानों पर छापे मारे, जबकि एक परीक्षार्थी के आवास की पहले ही तलाशी ली जा चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर जुलाई में अपने बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में उच्च अंक लाने में मदद करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य भर्ती प्रक्रिया में लाभार्थी थे। इन सदस्यों में उनका बेटा नीतेश और बहू निशा कोसाले (उप कलेक्टर), बड़े भाई का बेटा साहिल (पुलिस उपाधीक्षक), बहू दीपा अदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “आरोप है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे सुमित का उप कलेक्टर के पद पर चयन कराया।” सीबीआई की प्राथमिकी में शामिल शिकायत में आरोप लगाया है कि क्रमांक 1-171 तक मेरिट में जगह बनाने वाले परीक्षार्थी कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंधित हैं।

शिकायत में उप कलेक्टरों की भी सूची है, जिनमें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार जाल्क्सो के बेटे निखिल व बेटी नेहा, बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआइजी पीएल ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार व दामाद शशांक गोयल और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला शामिल हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसके अलावा, उप कलेक्टर के रूप में चुनी गई प्रज्ञा नायक और वित्तीय सेवा अधिकारी के रूप में चुने गए प्रखर नायक समेत कांग्रेस नेताओं के सहयोगियों के रिश्तेदार भी कथित घोटाले के लाभार्थी हैं।