रायगढ़। एनटीपीसी लारा ने 5 अगस्त 2024 को सहयोगी गांवों की महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए मशरूम की खेती और कृषि में उन्नत तकनीक के उपयोग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन एनटीपीसी लारा परियोजना के सात सहयोगी गांवों के स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की उपस्थिति में प्रेरणा महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती अनुराधा शर्मा ने किया। संकाय सदस्य के रूप में कृषि विज्ञान केंद्र, रायगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीएस राजपूत और डॉ. सीपीएस सोलंकी ने मशरूम की खेती और खेती में उन्नत तकनीक के उपयोग से लागत कम करने और लाभ को अधिकतम करने की तकनीक प्रस्तुत की।
सीएसआर-सीडी के तहत एनटीपीसी लारा ग्रामीण महिलाओं के कौशल उन्नयन के माध्यम से उन्हें सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने का प्रयास कर रही है ताकि वे उस कौशल का उपयोग करके कमाई कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें। स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके अपने घर और पिछवाड़े में क्या बेहतरीन काम किया जा सकता है, इसका स्पष्ट प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र, रायगढ़ के वैज्ञानिकों ने किया। मानसून के दौरान धान की पराली का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम की खेती एक बहुत अच्छा विकल्प है। कम लागत और अपने खाली समय का सदुपयोग करके महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं। साल भर अलग-अलग मौसम में अलग-अलग मशरूम की खेती की जा सकती है।
इस अवसर पर अरमुड़ा, देवलसुरा, महलोई, छपोरा, कांदागढ़ और बोड़ाझरिया गांव की 68 महिलाएं मौजूद थीं। साथ जाकिर खान, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन, राजेंद्र बहरा, उप महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) के साथ साथ नैगम सामाजिक दायित्व अनुभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।