नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य जाने से पहले असम के कछार जिले में रहने वाले मणिपुर के विस्थापित निवासियों से मिलेंगे. असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने रविवार को मीडिया को बताया कि, राहुल गांधी एक विशेष विमान से नई दिल्ली से असम के सिलचर में कुंबीरग्राम हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरेंगे और सबसे पहले विस्थापित लोगों से मिलने जाएंगे. साथ ही राहुल गांधी का पूरा शेड्यूल की जानकारी दी है.
बोरा ने बताया कि, वह सोमवार सुबह 9 बजे सिलचर हवाईअड्डे पहुंचेंगे और सड़क मार्ग से मणिपुर के जिरीबाम जाएंगे. इससे पहले वह असम में रह रहे विस्थापितों से मुलाकात करेंगे. जिरीबाम का दौरा करने के बाद, गांधी सिलचर हवाई अड्डे पर वापस आएंगे और इंफाल के लिए उड़ान भरेंगे.
1,700 से ज्यादा निवासियों ने ली शरण
गौरतलब है कि, पिछले महीने अपनी मातृभूमि में ताजा हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर के जिरीबाम के 1,700 से अधिक निवासियों ने कछार जिले के लखीपुर इलाके में शरण ली है. उनमें से अधिकांश ने कहा कि, उन्होंने रात में बराक नदी पार की, जो बड़े हिस्से में राज्य की सीमा है.
असम पुलिस ने उनके आगमन के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी और कुछ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों ने विस्थापित निवासियों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है.
ये असम है, मणिपुर नहीं…
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 17 जून को स्थानीय प्रशासन से मानवीय आधार पर विस्थापित लोगों को समर्थन देने के लिए कहा है, लेकिन कानून के उल्लंघन या हिंसा के प्रयास की अनुमति नहीं दी है.
असम के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार भुइयां ने 23 जून को विस्थापित लोगों से कहा कि, वे याद रखें कि यह असम है, मणिपुर नहीं, साथ ही उन्हें कानूनों का उल्लंघन करने से दूर रहने का सुझाव दिया.
इसलिए जरूरी है राहुल का दौरा
असम कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि, राहुल गांधी विस्थापित लोगों से बात करेंगे और स्थिति को और गहनता से समझने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की अनदेखी कर रहे हैं. वे वहां के विवादों को सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. राहुल गांधी का दौरा इसलिए अहम है क्योंकि वह मणिपुर में शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं.