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राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के मुद्दे पर हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम अचानक गिरीं और बेहोश हो गईं, जिसके बाद उन्हें यहां स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के कई सांसदों ने अस्पताल में उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
खरगे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद के मूर्छित होकर गिरने के बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रखी गई, जबकि कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा सकती थी। खरगे ने अस्पताल में फूलोदेवी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चिकित्सकों ने कहा कि पूरी जांच करना जरूरी है। सीटी स्कैन होने के बाद पता चलेगा कि (गिरने से) सिर पर कोई असर हुआ है य नहीं, बाकी जांच में दो-चार दिन लगेंगे। ’’
उन्होंने बताया, ‘‘उनके परिवार के सदस्य छत्तीसगढ़ में हैं, इसलिए वह चाहती हैं कि यहां (आरएमएल) जरूरी जांच हो और फिर बाकी की जांच निजी अस्पताल में हो। आज वह थोड़ा ठीक हो जाएगीं। उनके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के लिए पूरी जांच होना जरूरी है।’’ यह पूछे जाने कि क्या सदन की कार्यवाही स्थगित की जानी चाहिए थी, तो खरगे ने कहा कि इस सरकार के लिए दयाभाव का कुछ मतलब नहीं है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नीट, यूजीसी-नेट और अन्य पेपर लीक घोटालों पर तत्काल चर्चा से सरकार के इंकार के कारण आज राज्यसभा में हुए शोर शराबे के बीच कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम अचानक गिरीं और बेहोश हो गईं। कुछ दिन पहले ही उन्हें डेंगू हुआ था।’’
रमेश ने कहा, ‘‘ फूलो देवी नेताम को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाना पड़ा। हमें उम्मीद है कि वह जल्द ठीक हो जाएंगी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के सभी सांसद उनकी खैरियत जानने के लिए अस्पताल गए।’’