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छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर उतरे 220 में से 198 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई है। छत्तीसगढ़ में इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला देखा गया। यही नहीं अन्य उम्मीदवारों को यहां के मतदाताओं ने खारिज कर दिया। राज्य में इस चुनाव में 11 सीटों पर 220 उम्मीदवार मैदान में थे। छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और सात मई को तीन चरणों में मतदान हुआ था। छत्तीसगढ़ में 72.8 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, किसी उम्मीदवार को अपनी जमानत बचाने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वोटों का कम से कम छठा हिस्सा प्राप्त करना होता है। सामान्य (ओबीसी सहित) श्रेणी के लिए 25 हजार रुपये और अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 12,500 रुपये है। राज्य में कुल उम्मीदवारों में से भाजपा और कांग्रेस के 11-11 उम्मीदवारों को अच्छी संख्या में वोट मिले।
उन्होंने अपनी जमानत बचा ली लेकिन शेष 198 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में विफल रहे। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के उम्मीदवार श्याम सिंह मरकाम (कोरबा सीट) और एलएस उदय सिंह (सरगुजा सीट) ने अपनी-अपनी सीट पर तीसरा स्थान हासिल किया लेकिन अपनी जमानत नहीं बचा पाए। कोरबा सीट पर कांग्रेस की ज्योत्सना महंत और सरगुजा सीट पर भाजपा के चिंतामणी महाराज ने जीत हासिल की।
छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में जीजीपी पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र जीतने में सफल रही थी। बसपा के उम्मीदवार इनोसेंट कुजूर (रायगढ़ सीट), अश्विनी रजक (बिलासपुर), दिलीप रामटेके (दुर्ग), ममता रानी साहू (रायपुर), डॉ रोहित डहरिया (जांजगीर-चांपा) और तिलकराम मरकाम (कांकेर) अपनी-अपनी सीटों पर तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई।
रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, रायपुर, और कांकेर में भाजपा को जीत मिली है। इन सीटों पर क्रमश: राधेश्याम राठिया, तोखन साहू, विजय बघेल, कमलेश जांगड़े, बृजमोहन अग्रवाल और भोजराज नाग ने जीत हासिल की है। इसी तरह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के फूलसिंह कचलाम बस्तर सीट पर नोटा (इनमें से कोई नहीं) के बाद चौथे स्थान पर रहे लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई।
इस सीट पर कचलाम को 35,887 वोट मिले जबकि 36,758 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया। बस्तर सीट पर भाजपा के महेश कश्यप ने जीत हासिल की। भाजपा ने राज्य की 11 में से 10 सीटें जीती हैं और कांग्रेस ने एक सीट बरकरार रखी है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद 2004, 2009 और 2014 में हुए तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने तीनों बार 11 में से 10 सीटें जीती थीं। 2019 में भाजपा ने नौ और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं।