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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों को मारकर उनके हथियार लूटने के मकसद से एक सड़क को क्षतिग्रस्त व अवरुद्ध करने के षड्यंत्र से संबंधित मामले में बुधवार को भाकपा (माओवादी) के एक कार्यकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र के अनुसार, लखमा राम उर्फ लखमा कोर्राम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनआईए ने स्थानीय पुलिस से जांच का जिम्मा लेने के बाद 29 फरवरी, 2024 को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के 35 अज्ञात सशस्त्र कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें वह भी शामिल था।
बयान में कहा गया है कि भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं और उनके सहयोगियों ने सड़क पार कर रहे पुलिस पार्टी की हत्या करने और उनके हथियार लूटने की साजिश को अंजाम देने के लिए इंडिया गेट, रायनार से मरघट रायनार तक नारायणपुर-ओरछा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था।
बयान में कहा गया है कि साजिश का हिस्सा रहे लखमा ने पहले भाकपा (माओवादी) के भटबेड़ा जनताना सरकार के प्रमुख के रूप में काम किया था। जांच एजेंसी ने कहा कि उसने प्रतिबंधित संगठन द्वारा आयोजित बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया और इसके लिए गैरकानूनी या आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया।
एनआईए ने कहा, ‘वह माड़ बचाओ मंच के बैनर तले ओरछा में नादीपारा विरोध प्रदर्शन का नेता भी था, जिसे भाकपा (माओवादी) के सरकार विरोधी एजेंडे का प्रचार करने के लिए एक मोर्चे के रूप में बनाया गया था।’ पूरी साजिश का उद्देश्य राज्य में निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंककर संगठन की स्वयंभू ‘जनताना सरकार’ स्थापित करना था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने जनताना सरकार को एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया है। एनआईए ने कहा कि भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं ने अपने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पुलिस टीम के हथियार लूटने की योजना भी बनाई थी।