PoK में बगावत से परेशान पाकिस्तानी सेना और ISI ध्यान भटकाने के लिए जम्मू कश्मीर में घुसपैठ से लेकर आतंकी हमले करवाने की कोशिश में जुटा हुआ है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आटे और बिजली को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार इन प्रदर्शनों को कुचलने की लगातार कोशिश में लगी हुई है. PoK में लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में PoK के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ से लेकर आतंकी हमलों की साजिश रचने की कोशिशों में लगे हैं.
सुरक्षा एजेंसियों के हमले से आ रहे खबरों के मुताबिक, लाइन ऑफ़ कंट्रोल और अंतरराष्ट्रीय सीमा दोनों जगहों पर आतंकियों के शिविर सक्रिय हैं. नोशेरा, कृष्णा घाटी, तारकुडी, मेंडर, पुंछ और जम्मू के कठुआ सीमा पर पाकिस्तान की तरफ़ से आतंकियों की गतिविधि देखी गई है. आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. सुरक्षा एजेंसियों को कठुआ सीमा से ऐसी ही एक घुसपैठ की खबर मिली है. जिसमें 12 से 15 आतंकियों के जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने की खबर है. इस खबर के बाद से ही सुरक्षाबलों ने उधमपुर के बसंतगढ़ के साथ कठुआ के कई इलाकों को आतंकियों की तलाश में घेरा हुआ है. इसके साथ ही इन आतंकियों के स्केच भी तैयार किए गए हैं.
सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से ही इस तरह की खबरें भी हैं कि आतंकी चुनावों के दौरान किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं. 25 मई को राजौरी-अनंतनाग सीट पर चुनाव होने वाला है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि राजौरी पुंछ में मौजूद आतंकी इस दौरान चुनावों में खलल डालने की कोशिश कर सकते हैं. पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की कोशिश है कि वे चुनावों के दौरान कोई हमला करवा कर पीओके की जनता को कोई बड़ा संदेश दे सकें.
आतंकियों की साजिश नाकाम में जुटे सुरक्षाबलों के जवान
इससे अलग, भारतीय सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों को उनकी बिलों से निकालने के लिए बड़ी रणनीति पर काम कर रही हैं. इस बाबत जम्मू में एक बड़ी 16 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के नेतृत्व में बैठक भी हुई है, जिसमें जल्द से जल्द आतंकियों के खत्मे की बात कही गई है. अगर सूत्रों की बात करें तो इस समय सुरक्षा एजेंसियों की सबसे बड़ी चुनौती आतंकियों को तलाश करने की है. सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी मूवमेंट के लिए Secured Communication Network का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस फॉर्मूलों पर काम कर रहे सुरक्षाबल
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी उनके लिए काम कर रहे OGW को भी उनके नजदीक पहुंचने नहीं दे रहे हैं, ताकि अगर OGW पकड़ा भी जाता है तो वह उन्हें आतंकियों तक न पहुंचा सके. इसके साथ ही Secured Communication Network की मदद से आतंकी न केवल एक दूसरे से बल्कि पाकिस्तान में बैठे अपने अकाओं के भी संपर्क में रहते हैं. आतंकियों की इस नई रणनीति के तहत वह अपने मददगारों से न तो संपर्क में आ रहे हैं और न ही उन्हें अपने नजदीक आने दे रहे हैं. ऐसे में अब सुरक्षा एजेंसियां अपने पुराने फॉर्मूले पर काम कर रही हैं और ह्यूमन इंटेलिजेंस और स्केच की मदद से आतंकियों की तलाश कर रही हैं.