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लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान को लेकर सिर्फ 2 ही दिनों का वक्त रह गया है। इस बीच छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल पर कांग्रेस ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा नेता व राज्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी के नाम पर महासमुंद जिले में जमीन खरीदने के मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ इस मामले में जमीन के विक्रय पत्र को अदालतने रद्द कर दिया, जिसे कथित तौर पर राज्य के जल संसाधन विभाग का बताया गया था।
कांग्रेस ने की FIR दर्ज कराने की मांग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने मामले में बृजमोहन अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि महासमुन्द जिला अदालत के इस साल 23 अप्रैल के आदेश में झलकी गांव में जमीन विक्रय पत्र को रद्द कर दिया है। दीपक बैज ने कहा कि इस आदेश ने यह स्पष्ट किया है कि अग्रवाल ने कथित तौर पर धोखाधड़ी करके जल संसाधन विभाग की संपत्ति अपनी पत्नी के नाम हासिल करते हुए उसमें एक रिसॉर्ट बनाया है। वहीं इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैजने भूमि के क्रेता एवं विक्रेता के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज करने की मांग की।
बृजमोहन अग्रवाल ने टिप्पणी से किया इनकार
ऐतिहासिक बौध्द स्थल सिरपुर के पास स्थित तुमगांव तहसील के जलकी गांव में स्थित इस जमीन के मामले में चल रहे विवाद और आदेश पर टिप्पणी करने से भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल से साफ इनकार कर दिया है। वहीं कांग्रेस के द्वारा लगाए गए गड़बड़ी आरोपों का जरूर खंडन किया है। अग्रवाल ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
कांग्रेस ने आदेश की कापी दिखाते हुए कहा
इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने न्यायालय के आदेश की कापी साझा करते हुए कहा है कि ग्रामीण विष्णु साहू उर्फ श्यामलाल, किसुन लाल, कृष्ण लाल, मोतिम बाई, सावित्री बाई और सोना बाई जलकी गांव में 4.124 हेक्टेयर भूमि के संयुक्त मालिक थे और 1994 में उन्होंने जलाशय के निर्माण के लिए तत्कालीन मध्य प्रदेश में सार्वजनिक उपयोग के लिए दान के रूप में जल संसाधन विभाग को भूमि दान कर दी थी। हालांकि, जलाशय के निर्माण के लिए भूमि का उपयोग नहीं किया गया। हालांकि भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा अधिग्रहित की गई थी, लेकिन राजस्व अभिलेखा के द्वारा इसका कब्जा न बदलते हुए इसका स्वामित्व दानकर्ताओं के नाम पर ही रखा। जिसके बाद साल 2009 के दौरान इस जमीन को विष्णु साहू और दो लोगों ने रायपुर स्थित रामसागर पारा में रहने वाले बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सरिता अग्रवाल को बेच दिया था।
कोर्ट ने जमीन को जलसंसाधन विभाग को देने की कही बात
इस मामले को लेकर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महासमुंद द्वारा पारित आदेश में न्यायालय ने भूमि खरीद के पंजीकरण को शुरू से ही यीनी जब वह जमीन रखीदी गई थी तब से ही भूमि को शून्य घोषित कर दिया तथा क्रेता को भूमि का कब्जा वादी (जल संसाधन संभाग महासमुंद) को सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने दावा किया कि अग्रवाल उस समय मंत्री थे तथा उन्हें पूरी जानकारी थी कि उनके निर्माणाधीन रिसॉर्ट के आसपास जल संसाधन विभाग को भूमि दान की गई है।