छत्तीसगढ़ में हरा सोना के नाम से पहचाना जाने वाला तेंदूपत्ता अब संग्राहकों को ज्यादा मुनाफा देने वाला है। प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वाले को अब पिछली सरकार की अपेक्षा ज्यादा का मुनाफा होने वाला है। तेंदूपत्ता बेचने वालों को 4000 प्रति मानक बोरा पिछली सरकार में मिलता था,जो अब 5500 रुपये के दर पर मिलेगा। जिसे इस साल होने वाले तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर वन मंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जिले में इस वर्ष 83000 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। जिसके एवज में 66000 संग्राहक परिवार को 45.65 करोड़ का भुगतान किया जाना है। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र लक्ष्य से ज्यादा 77606 मानक बोरा का संग्रहण किया गया था,जिसके एवज में 62094 संग्राहक परिवार को 31.04 करोड़ का भुगतान किया गया था।
तेंदूपत्ता में भी अलग-अलग किस्म होती है। जिसे लेकर निविदा प्रक्रिया में शासन पत्ता की बोली लगाता है। इस बोली में मोंगरा समिति के पत्ते की बोली पर सर्वाधिक कीमत मिला देने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि यहां का पत्ता 10675 रुपये प्रति मानक बोरा बिका है। इस प्रक्रिया से शासन की आय में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा प्रदेश में कुछ समिति ऐसे भी है जिनके पत्ते वर्तमान भुगतान दर से आधे कीमत पर बिकेंगे। इन समितियों में अंतर की राशि शासन वहन करेगी।
500 मानक बोरा का संग्रहण करने पर होगा भुगतान
शासन के नियम की माने तो तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार को पारिश्रमिक के अतरिक्त बोनस, बिमा, शिष्यवृत्ती, समेत कई योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसका लाभ पाने के लिए कम से कम 500 मानक बोरा का संग्रहण आवश्यक है। वन अफसरों ने संग्राहकों से गुणवत्ता युक्त पत्ता फड़ में लाने की अपील किया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा बोनस राशि मिलने में सहायक साबित होगा।