Monsoon 2024: इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने वाला है. जिसके चलते देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश का अनुमान है. दक्षिण एशियाई जलवायु आउटलुक फोरम (SASCOF) ने दक्षिण पश्चिम मानसून को लेकर जारी किए गए पूर्वानुमान में ये बात कही है. जिसके चलते इस साल भारत समेत दक्षिण एशिया में मानसून सीजन (जून-सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही फोरम ने कहा है कि दक्षिण एशिया के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है.
एसएएससीओएफ के मुताबिक, इस दौरान अधिकतर इलाकों में सामान्य से ऊपर तापमान रहने का भी अनुमान है. बता दें कि ये क्षेत्रीय जलवायु पूर्वानुमान दक्षिण एशिया के सभी नौ राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (NMHS) की ओर से बनाया गया है. जिसे तैयार करने में एसएएससीओएफ के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की भी मदद ली गई है.
मध्यम अल नीनो की स्थिति से जूझ रहा देश
इसके साथ ही फोरम ने कहा है कि वर्तमान में देश मध्यम अल नीनो की स्थिति से जूझ रहा है. जिसके चलते चार महीने के मानसून सीजन के पहले दो महीने यानी जून-जुलाई के दौरान अल नीनो की स्थिति तटस्थ बनी रहेगी. हालाकि इसके बाद यानी अगस्त और सितंबर में ला नीना की अनुकूल स्थिति बनने की पूरी संभावना है.
इस बार औसत से ज्यादा होगी बारिश
बता दें कि एसएएससीओएफ की रिपोर्ट आने से पहले ही भारत मौसम विभाग (IMD) ने भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था. अप्रैल में ही आईएमडी ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन में भारत में दीर्घकालिक औसत (LPA) का 106 फीसदी बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी ने कहा कि चार महीने के सीजन के बाद के दो महीने (अगस्त-सितंबर) में अधिक बारिश होने का अनुमान है. क्योंकि तब ला नीना की अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी जो ज्यादा बारिश के लिए जिम्मेदार होगी.
जानें क्या है अल नीनो और ला नीना
इस बारे में भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पाई का कहना है कि अल नीना की स्थिति में मध्य प्रशांत महासागर में सतह का पानी गर्म हो जाता है. इसके परिणामस्वरूप भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून कमजोर पड़ने लगता है. जिससे सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है. जबकि दूसरी ओर ला नीना की स्थिति में ठीक इसके विपरीत काम होता है और इसके प्रभाव से मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होती है.