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राजधानी रायपुर के आकाशवाणी चौक स्थित मां काली मंदिर की 55 साल पुरानी प्रतिमा को बदल दी गई है। आज (26 अप्रैल) मां काली की प्राण प्रतिष्ठा संपन हुई। बताया जा रहा है कि माता काली की नई प्रतिमा पहले मूर्ति की तरह ही हूबहू है। मूर्ति का रंग, आकार,चौड़ाई, हाव-भाव और लंबाई पहले की तरह ही है। प्रतिमा का भार 5 क्विंटल के आसपास बताया जा रहा है। मूर्तिकार काे इस प्रतिमा को बनाने में 10 महीने का समय लगा।
क्यों बदली गई मूर्ति
सभी के मन में यह सवाल है कि आखिर 55 साल पुरानी मूर्ति को क्यों बदला गया है। दरअसल, प्रतिमा के क्षरण होने की वजह से नई प्रतिमा बनवाई गई है। मंदिर के पुजारी ने दो साल पहले पूजा करते समय देखा कि मां काली की मूर्ति के अभिषेक करने पर कुछ कण निकल रहे हैं। पुजारी ने इस बात की जानकारी मंदिर समिति के सदस्यों को दी। जिसके बाद वाराणसी, प्रयागराज, जगन्नाथ पुरी, हरिद्वार समेत कई तीर्थों के आचार्यों और विद्वानों से चर्चा की गई। सभी ने प्रतिमा प्रतिस्थापित करने का सुझाव दिया।
1 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है पत्थर
बता दें कि जिस पत्थर से मां काली की नई प्रतिमा बनाई गई है वो पत्थर एक हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। केंदुझार ओडिशा की गहरी खदान से ब्लैक स्टोन निकाला गया है। वहीं मूर्ति को आकार मूर्तिकार ज्योति रंजन परिडा और उनकी टीम ने दिया है। उन्होंने पूरा विग्रह 30 क्विंटल के एक ही पत्थर को तराश कर बनाया है।
पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा का किया गया है आयोजन
मां काली के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह चल रहा है। नवीन विग्रह की स्थापना आज की गई है। बुधवार को वेदी पूजन, कलश यात्रा, अधिवास प्रारंभ से अनुष्ठान की शुरुआत हुई थी। 25 को सप्तसती पाठ और रुद्राभिषेककिया गया, आज प्रतिष्ठित संतों और आचार्यों की मौजूदगी में सुबह 4 बजे प्राण प्रतिष्ठा पूजा शुरू हुई और 11 बजे तक पूजा संपन्न हो गई। 27 अप्रैल को महाप्रसाद वितरण और भजन संध्या होगी। वहीं, 28 को सतचंडी पाठ और मां महाकाली प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ की पूर्णाहुति की जाएगी।