खरसिया, 26 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल एक ऐसे नेता हैं जो गरीब, मजदूर, और किसानों के साथी हैं। उनके संवेदनशील सेवाभाव ने उन्हें बार-बार चर्चा में लाया है। उमेश पटेल एक बार फिर से चर्चा में है क्योंकि उन्होंने इस बार धरतीपुत्रों की सहायता करके न केवल उनकी समस्या का निवारण किया है बल्कि अपने समर्पण और सेवा भाव से उनका दिल भी जीता है। आइये जानते है पूरा मामला-
विदित हो कि खरसिया विधानसभा के ग्राम आड़पथरा, पामगढ़ और नवागांव के किसानों ने सौ एकड़ से अधिक खेतों में धान, उड़द, और मूंग की खेती की है, लेकिन भीषण गर्मी के आते ही खेतों में सूखा आरंभ हो गया। आड़पथरा मांड नदी डैम के नहर में पानी की कमी के कारण खेत सूख रहे थे जिसके परिणामस्वरूप फसलों के नुकसान का खतरा बढ़ गया। इस मुश्किल समय में किसानों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर विधायक उमेश पटेल को परेशानियों से अवगत कराया और पानी की किल्लत दूर करने डैम से नहर में पानी छोड़ने हेतु सार्थक पहल की गुहार लगाई।
फिर क्या, उमेश पटेल ने तत्काल सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों से सम्पर्क किया और डैम से नहर में पानी छोड़ने हेतु निर्देशित कर यह सुनिश्चित किया कि किसी भी किसान का फसल नुकसान न हो और उन्हें समय पर पानी मिल सके। अधिकारियों से चर्चा के बाद श्री पटेल ने किसानों को सूचित किया कि अगले दिन सुबह डैम से नहर में पानी का बहाव शुरू हो जाएगा। उन्होंने इस बात की गांव में मुनादी भी कराई ताकि किसान चिंतित ना हो। मुनादी के बाद रात से सुबह होने की प्रतीक्षा कर रहे किसानों के मुरझाए चेहरे 25 अप्रैल की सुबह करीब आठ बजे खुशी से खिल उठे जब आड़पथरा डैम से नहर में सिंचाई हेतु पानी का बहाव शुरू हुआ। किसान अपने-अपने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए जुट गए। पानी मिलते ही सूखे खेतों को राहत मिली वहीं किसानों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नहर में पानी आने के बाद ग्राम आड़पथरा, पामगढ़, नवागांव, बड़े डूमरपाली, चपले, सेन्द्रीपाली, कनमूरा, पंडरीपानी, बायंग सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों के मुरझाए चेहरे खिल उठे और उन्होंने अपने लाडले नेता उमेश पटेल का आभार व्यक्त किया और उन्हें भागीरथ प्रयास के लिए धन्यवाद दिया।
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