यह नियम पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए होता है ताकि चुनाव पारदर्शी हो. वहीं, चुनाव के दौरान अक्सर अवैध शराब भी पकड़ी जाती है. इन शराबों का उपयोग जनता को लुभाने के लिए किया जाता है, जो रिश्वत के रूप में होता है. यही वजह है कि चुनाव आयोग अवैध शराब पर नजर रखता है और इलेक्शन के दौरान भारी मात्रा में शराब भी जब्त करता है.
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने की टिप्पणी
ये नियम पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए बनाया गया है, लेकिन अगर कोई वोटर शराब पीकर मतदान स्थल पर जाएगा तो क्या होगा? क्या वह जेल जा सकता है या उस पर जुर्माना लगाया जाएगा? इससे पहले आइए कोर्ट की कुछ दलीलों पर नजर डालते हैं कि कोर्ट ने इस मुद्दे पर क्या रुख दिया है.इसी महीने 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका खारिज कर दी. याचिका में मांग की गई थी कि मतदान केंद्र पर ब्रेथलाइजर लगाया जाए. ये मामला आंध्र प्रदेश से सामने आया था.
इस पर वहां की हाई कोर्ट ने भी याचिका खारिज करते हुए फटकार लगाई थी. हाई कोर्ट ने दलील दी कि मतदान केंद्र पर अधिकारी मौजूद होते हैं. वह दिन पूरे क्षेत्र में ड्राई डे होता है. यहां तक कि खुद मतदाता भी नहीं चाहेगा कि वह नशे में धुत होकर वोट करने जाए. मतदाता इतना मूर्ख नहीं है कि वह सबके सामने आ जाये और अपनी फजीहत करा ले. इसलिए मतदान केंद्र पर ब्रेदएनालाइजर की कोई जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में भी यही दलीलें थीं.
वोटिंग से पहले बिक्री पर लगा दी जाती है रोक
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने दलीलें दी कि कोई भी शराब पीकर नहीं जाएगा. अब सवाल यह है कि अगर कोई शराब पीकर चला जाए तो क्या होगा? इससे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि वोटिंग से ठीक 48 घंटे पहले उस इलाके में शराब की बिक्री पर बैन लग जाता है. यानी सारी दुकानें बंद हो जाती हैं. किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में भी शराब नहीं सर्व किया जा सकता है. अगर उस इलाके में मिलिट्री कैंटीन भी है तो भी वहां शराब नहीं बेची जा सकती. फिर हम उसी बात पर आ जाते हैं कि अगर कोई शराब पीकर घर से वोट करने निकले तो क्या होगा?
क्या जा सकते हैं शराब पीकर?
आमतौर पर देखा जाता है कि शराब पीने के बाद कई लोग अपना संतुलन खो बैठते हैं. ऐसे में वे हंगामा करने लगते हैं. वे तोड़फोड़ भी करने लगते हैं. अगर कोई मतदाता शराब पीकर वोटिंग बूथ पर जाता है और वही हरकत करता है तो वहां मौजूद अधिकारी उसका वोटिंग अधिकार रद्द कर सकते हैं. उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. अगर कोई मतदाता शराब पीकर जाए और बिना हंगामा किए वोट देकर लौट आए तो कोई दिक्कत नहीं हो सकती.