रायगढ़। शुक्रवार की सुबह जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने ढिमरापुर चौक सागरिका होटल के बगल इला माल के पास लगभग तीन एकड़ पर हुए बेजा कब्जा पर कार्रवाई की। इस दौरान सरकारी जमीन पर बने मकान एवं दुकानों को जेसीबी के माध्यम से हटाया गया। आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर बड़े- बड़े भवन तक बना लिये गये और नगर निगम के भवन विभाग व नजूल विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं हुई थी। वहीं काफी निर्माण होने के बाद आज हुई कार्रवाई से कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं।
अमूमन नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर छोटे-छोटे गुमटी व ठेलों को हटाया दिया जाता है। इसके अलावा किसी शासकीय जमीन पर निर्माण की शिकायत मिलने पर बेजा कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाती है। वहीं इन दिनों ढिमरापुर क्षेत्र निगम के राडार में है। कुछ दिनों पहले जहां जगतपुर में बेजा कब्जा खाली कराने की कार्रवाई की गई थी वहीं शुक्रवार की सुबह जिला प्रशासन, निगम प्रशासन और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा सागरिका होटल के पास इला मॉल के बगल में सरकारी जमीन पर बने मकान एवं दुकानों को तोडक़र हटाया गया। यहां बाउंड्री वॉल से करीब 3 एकड़ सरकारी जमीन को घेर दिया गया था, जिसे जेसीबी के माध्यम से हटाया गया। इसके साथ ही पास के चार और दुकान एवं मकान को नोटिस जारी करने के निर्देश निगम के भवन विभाग को दिया गया है। आज हुई इस कार्रवाई पर यदि गौर करें तो मुख्य सडक़ से लगी तीन एकड़ जमीन पर रातों रात कब्जा नहीं हुआ है।
काफी लंबे समय से अवैध रूप से निर्माण कर बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण करने का खेल प्रशासन की नाक के निचे ही चल रहा था। ऐसे में नगर निगम के भवन विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतने दिनों से बिना किसी अनुमति के चल रहे निर्माण कार्य की जानकारी अधिकारियों को कैसे नहंी मिल पाई? खास बात यह है कि आज हुई कार्रवाई में किस -किस का अवैध निर्माण पाया गया इसकी भी कोई पुख्ता जानकारी नगर निगम के भवन विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है।