हिडमा के गांव में पुलिस कैंप, नक्सलियों पर सुरक्षा बलों की बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत; शिकंजा कसने की तैयारी

नई दिल्ली। एक करोड़ रुपये इनाम वाले दो शीर्ष नक्सली नेताओं हिडमा और बरसे देवा के गांव पूवर्ती में कैंप स्थापित करने को सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों के खिलाफ बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत के रूप में देख रही हैं। खास बात यह है कि सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए कैंप में हिडमा की मां के साथ साथ उनके परिवारजनों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया गया।

ध्यान देने की बात है कि अमित शाह ने पिछले महीने छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी ऑपरेशन की समीक्षा की थी और तीन साल के भीतर देश को नक्सल मुक्त करने का ऐलान किया था। गुरुवार को अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं, जहां वे नक्सल विरोधी ऑपरेशन के नए रोडमैप पर मिली सफलता की समीक्षा कर सकते हैं।

नक्सली हिंसा में ताबूत की आखिरी कील

नक्सल विरोधी ऑपरेशन से जुड़े केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीपीआई (माओवादी) के सें‌र्ट्ल कमेटी के सदस्य हिडमा और पोलित ब्यूरो के सदस्य बरसे देवा के सुकमा जिला स्थित गांव में सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित होना और गांव में सरकारी सुविधाओं का पहुंचाना नक्सली हिंसा की ताबूत की आखिरी कील साबित हो सकती है।

केंद्र-राज्य की 25 योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को

उन्होंने कहा कि कैंप स्थापित होने के साथ ही केंद्र और राज्य की 25 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण को मिलने लगा है, जिनमें मुफ्त अनाज, स्कूल, चिकित्सा केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा सभी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान देने और मुफ्त गैस सिलिंडर, टॉयलेट व अन्य सुविधाओं पर भी तेजी से काम शुरू हो गया है।

योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने पर जोर

पिछले महीने समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह नक्सल विरोधी ऑपरेशन के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से ग्रामीणों तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया था, ताकि नक्सलियों दोबारा ग्रामीणों का समर्थन हासिल नहीं कर सकें।

फॉरवर्ड कैंप खोलने की कोशिश कर रही एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मॉनसून का सीजन शुरु होने के पहले सुरक्षा बल नक्सलियों के मूल इलाके में अधिक-से-अधिक फॉरवर्ड कैंप खोलने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि ग्रामीणों तक सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।

नक्सलियों की फंडिंग रोकने के लिए विशेष कदम

इसके साथ ही नक्सलियों की फंडिंग रोकने के लिए भी विशेष कदम उठाये जा रहे हैं और उनकी फंडिंग से जुड़े लोगों की खुफिया जानकारी जुटाई जा रही है। अमित शाह ने नक्सलियों को खत्म करने के लिए उनकी फंडिंग पर पूरी तरह रोक लगाने का साफ निर्देश दिया था।