रायपुर। राज्य में कांग्रेस सरकार में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) नहीं बंद होगी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार को सदन में बताया कि फिलहाल राज्य में ओपीएस लागू रहेगी। इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार की गिद्ध दृष्टि पीएफआरडीए में जमा 19 हजार करोड़ रुपये में थी, उसे खा-पीकर बर्बाद करना चाहते थे। उस पैसे को ले लिया जाए और खत्म कर दिया जाए। यह राशि सरकार को नहीं मिलेगीँ जैसे-जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे वैसे-वैसे राशि प्राप्ति हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस(नवीन पेंशन योजना) खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित या जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रविधान नहीं हैं। वर्तमान में एनपीएस का चयन करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रविधान के अनुसार नियमित कटौती की जा रही है।
विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन कर्मचारियों-अधिकारियों के पेंशन योजना लेकर जमकर बहस हुई। प्रश्न काल में भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला और भावना बोहरा के प्रश्न के जवाब में मंत्री चौधरी ने बताया कि वित्त विभाग की 11 मई 2022 को जारी अधिसूचना के अनुसार नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर एक नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। वित्त विभाग की 11 मई 2022 और 20 जनवरी 2023 की अधिसूचना द्वारा ओपीएस पेंशन के लिए प्रविधान किए गए हैं। केंद्र सरकार से नहीं, अपितु पीएफआरडीए से कुल 19136.81 करोड़ रुपये राज्य सरकार को प्राप्त होना है।
ओपीएस का लाभ अब तक नहीं क्यों : भावना
भाजपा विधायक भावना बोहरा ने पूछा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत अब तक किसी भी कर्मचारी को पेंशन नहीं दी गई गई है, ऐसा क्यों? इस पर वित्त मंत्री ने बताया कि तत्कालीन सरकार ने नियम बनाया था एनपीस की राशि जमा करने के बाद ही पेंशन दी जाएगी, लेकिन अब तक पैसा जमा नहीं किए जाने की स्थिति में ही कर्मचारियों को
अब तक पैसा नहीं दिया गया है।
भावना ने पूछा कि दोनों ही योजनाओं में से कोन सी योजना ज्यादा बेहतर है। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में विश्वास करते है वह एनपीएस में विश्वास करते हैं जिन लोगों को भारत की ग्रोथ स्टोरी पर विश्वास है उसके हिसाब से एनपीएस ज्यादा उचित है। इस पर आंसदी से अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कहा कि मंत्री ओपीएस व एनपीएस के लिए सभी सदस्यों को छोटा सा नोट भिजवा दे ताकि सभी विधायकों का कंफ्यूजन दूर हो सके।
ऐसे मिलेगा पुरानी पेंशन फायदा
विभागीय विशेषज्ञों के अनुसार राज्य शासन के पेंशन योग्य स्थापना में एक नवंबर 2004 को अथवा उसके बाद 31 मार्च 2022 तक नियुक्त समस्त कर्मचारियों के नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की है। पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले कर्मियों को एक अप्रैल 2022 की तिथि से ही छत्तीसगढ़ प्रोविडेंट फंड (सीजीपीएफ) का सदस्य माना जाएगा।
साथ ही सामान्य भविष्य निधि भी नियमों के अनुसार लागू होगी। पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले सरकारी कर्मियों को सेवानिवृत्त अथवा मृत्यु के प्रकरण में उनके एनपीएस खाते में जमा शासकीय अंशदान और उस पर आहरण दिनांक को अर्जित लाभांश की राशि सरकारी कोष में जमा करनी पड़ेगी। इस राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान के लिए लोक लेखे के अंतर्गत अलग से रखा जाएगा और प्रतिवर्ष पिछले वर्षों के पेशनरी दायित्वों के चार प्रतिशत के बराबर की राशि पेंशन निधि में निवेशित की जाएगी।
यह हैं आंकड़े
– 2, 99,191 कुल सरकारी कर्मी हैं प्रदेश में
– 2,265 ने नई पेंशन योजना का चुना विकल्प
– 2,87,964 ने पुरानी पेंशन योजना का चुना विकल्प
– 1 प्रतिशत नई पेंशन योजना में
– 96 प्रतिशत पुरानी पेंशन योजना में
– 2,90,229 कुल कर्मियों ने चुना विकल्प
– 8,962 ने अभी तक नहीं चुना कोई विकल्प
(मई 2023 की स्थिति में आंकड़े )