उत्तर प्रदेश। कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन पर सोमवार देर रात चलती ट्रेन से उतरते समय प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच फंसकर एक युवक की मौत हो गई। वहीं, बेटा वहीं खड़ा होकर देखता रहा. शोर मचाने पर चेन खींचकर ट्रेन रोकी गई। मूल रूप से बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के रीगा गांव निवासी ओमप्रकाश (40) लखनऊ के इको गार्डन में संविदा सफाई कर्मचारी था। परिवार में पत्नी गुड़िया और दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े भाई राजा और श्यामलाल ने बताया कि सोमवार को ओमप्रकाश इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ जा रहे थे। उसके साथ उसका बेटा मयंक (13) भी था। अचानक उन्होंने बर्रा में रहने वाली अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने का फैसला किया। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का स्टॉप नहीं है और वह चलती ट्रेन से उतरने लगा. उन्होंने सबसे पहले अपने बेटे मयंक को छोड़ा।
यात्रियों ने शोर मचाया और चेन खींचकर ट्रेन रोक दी
इसके बाद वह पीठ पर बैग लटकाकर खुद ही नीचे उतरने लगा। संतुलन बिगड़ने से वह फिसल गया और प्लेटफार्म व ट्रेन के बीच फंस गया। पिता के फंसते ही मयंक चिल्लाया। यात्रियों ने शोर मचाया और चेन खींचकर ट्रेन रोकी। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने ओमप्रकाश को हैलट भेजा।
चलती ट्रेन से उतरते वक्त हुआ हादसा
वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने बेटे से परिवार का मोबाइल नंबर लिया और उन्हें सूचना दी। जीएमसी आरपीएफ थाना प्रभारी सुरुचि शर्मा ने बताया कि हादसा चलती ट्रेन से उतरते समय हुआ। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.