खरसिया, 22 जनवरी 2024। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने रामलला प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर देशवासियों के खुशहाल जीवन की मंगल कामना की। जय श्री राम बोलकर आज के दिन की शुरुआत करते हुए विधायक उमेश पटेल ने गृह ग्राम नंदेली के राधा-कृष्ण मंदिर में अखंड रामायण पाठ में भाग लिया और प्रदेशवासियों के लिए श्रीराम की कृपा की कामना की। सुंदरकांड समिति ने भी सभी को प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना में भाग लेने का आह्वान किया।
नंदेली से निकलकर श्री पटेल खरसिया के श्रीराम जानकी मंदिर में आयोजित प्रभु राम की महाआरती में शामिल हुए जहां उन्होंने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण और सीता मैय्या की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान उन्हें सियाराम सखा मंडल ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। राम मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद उमेश पटेल ने सब्जी मंडी में व्यापारियों द्वारा आयोजित विशाल भंडारे का शुभारंभ किया और अयोध्या में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। दोपहर में उमेश पटेल ने ग्राम पंचायत देहजरी के भालूनारा में विकासखण्ड स्तरीय रामोत्सव में भी शामिल हुए, उन्होंने ग्राम मदनपुर के नील सरोवर पार स्थित नवनिर्मित शिवालय में विराजमान होने वाले श्री मदनेश्वर नाथ महादेव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और शिवगणों के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भी भाग लिया।
दोपहर 3 बजे राम भक्तों के साथ खरसिया राम जानकी मंदिर से शुरू होने वाली शोभायात्रा में सम्मिलित हुए। इस दौरान विधायक उमेश पटेल ने हाथों में रामध्वज और गदा लेकर जय सियाराम के गगन भेदी नारे लगाए फिर चपले स्थित गायत्री परिवार के श्री राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होकर पूजा-अर्चना की। दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद उमेश पटेल शाम को किरोड़ीमल नगर में दीप प्रज्वलित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए जहां उन्होंने प्रभु श्रीराम से सभी के सुख, समृद्धि, और खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर उमेश पटेल ने भगवान राम के महत्वपूर्ण जीवन संदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राम हमारे आराध्य देवता हैं और हमें सदैव सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। भगवान राम का जीवन त्याग, तपस्या, और बलिदान का प्रतीक था, जिससे हमें उनकी शिक्षाएं प्राप्त होती हैं। उनका सुझाव था कि सुख और दुःख में समानभाव बनाए रखना आवश्यक है, और अहंकार तथा निराशा से बचकर सत्य की ओर बढ़ना चाहिए। उनके जीवन चरित्र से हमें प्रेरणा मिलनी चाहिए ताकि हम समृद्धि से भरा जीवन जी सकें।