फैटी लिवर स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी, खान-पान और व्यायाम पर डॉ. शलभ अग्रवाल की विशेष सलाह

रायगढ़। फैटी लिवर एक जानलेवा रोग हो सकता है और इससे बचने के लिए खान-पान और व्यायाम पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। एमबीबीएस, डीएनबी (मेडिसीन) सलाहकार चिकित्सक और अधिकृत चिकित्सा अधिकारी (एसबीआई) डॉ. शलभ अग्रवाल के अनुसार, इसे अनदेखा करने पर आगे चल कर लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है जोकि भोजन को पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और इसकी सुरक्षा के लिए स्वस्थ जीवनशैली अनिवार्य है।

सामान्य लिवर में, कामगार कोशिकाएं 90% होती हैं जो शरीर के कार्यों को संचालित करती हैं, और 10% को वसा की कोशिकाएं बनाती हैं। अगर वसा की कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है, तो कामगार कोशिकाएं कम होने लगती हैं। अनुचित आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा, और अतिरिक्त शराब की सेवा से वसा की कोशिकाएं बढ़ सकती हैं, जिसे हम फैटी लिवर कहते हैं। डॉ. शलभ अग्रवाल के अनुसार, इसे कम करने के लिए नियमित 40 मिनट व्यायाम और अपने वजन का 10% कमी करना उपयुक्त है, जिससे फैटी लिवर के आगे बढ़ने का खतरा 20% घट सकता है।

क्या खाएं, क्या न खाएं

डॉ. शलभ के अनुसार, फैटी लिवर से पीड़ित लोगों को कॉफी, मछली, ताजी सब्जियां, ग्रीन टी, डेयरी प्रोडक्ट्स, ताजा फल, और अखरोट का सेवन करना चाहिए, जो उनके लिए लाभकारी है। वह सावधानी से चावल, रेड मीट, नमक, फ्राइड फूड, एल्कोहल, पास्ता, सफेद ब्रेड और जंक फूड से बचने की सिफारिश करते हैं, क्योंकि ये आहार नुकसानकारी हो सकता है। डॉ. शलभ के अनुसार फैटी लीवर की समस्या होने पर आपको हेल्दी और संतुलित आहार का ध्यान रखना चाहिए।

खाना चाहिए:

  1. लीन प्रोटीन: दूध, दही, अंडे, सोया आदि।
  2. फल और सब्जियां: खासकर हरी पत्तियां, गाजर, टमाटर, बैगन आदि।
  3. पूरी अनाज: ब्राउन चावल, ओट्स, रोटी, धूले हुए दालें।
  4. हेल्दी तेल: जैतून का तेल, कोकोनट ऑयल, सरसों का तेल।
  5. पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है।
  6. काफी, मछली ग्रीन टी और अखरोट का सेवन करना चाहिए।

नहीं खाना चाहिए:

  1. तेजी से प्रोसेस्ड भोजन: जंक फूड, फास्ट फूड, सफेद फ्रेड चीनी और तेलीय खाद्य पदार्थ।
  2. अधिक तेल और मिठाई: तला हुआ, फ्राइड, और तेलीय खाद्य बचना चाहिए।
  3. अधिक कैफीन और अल्कोहल: इनके सेवन से बचें।
  4. अत्यधिक नमक: बीमारी से बचाव के लिए नमक की मात्रा को कम करें।

फैटी लिवर के नुकसान

डॉ. शलभ अग्रवाल ने बताया है कि फैटी लिवर का समय पर डायग्नोस नहीं किया जाए या उसका उपयुक्त उपचार नहीं किया जाए तो यह लिवर को कुछ वर्षों में पूर्णतः खराब कर सकता है, जिसे लिवर सिरोसिस कहा जाता है। यह बड़ा जानलेवा रोग है और इसका अंतिम उपचार लिवर ट्रांसप्लांट के माध्यम से हो सकता है, जो बहुत जटिल और खर्चीली प्रक्रिया है। डॉनर ढूंढ़ना मुश्किल होता है और इसका खर्च भी 50 लाख से 1 करोड़ तक हो सकता है। इसके बाद भी सफलता दर कम रहती है, और फैटी लिवर के इलाज की कमी में मरीज और उनके परिवार को कई समस्याएं आ सकती हैं। फैटी लीवर के नुकसान में ये भी शामिल हैं:

  1. स्वस्थता में कमी: फैटी लीवर बीमारी आपकी सेहत को प्रभावित करके तंदुरुस्ती में कमी कर सकती है, जिससे थकान, बार-बार बुढ़ापे का अहसास, और बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
  2. मेटाबोलिक सिंड्रोम: फैटी लीवर स्वस्थ मेटाबोलिज्म को प्रभावित कर सकता है, जिससे मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें उच्च रक्तचाप, उच्च शुगर लेवल्स, और अत्यधिक त्रिग्लिसराइड्स शामिल हो सकते हैं।
  3. सिरोसिस: फैटी लीवर से अगर बीमारी बढ़ती है तो यह सिरोसिस में परिणामित हो सकती है, जिसमें लीवर टिश्यू का घटक होकर स्कार बनता है, जो लीवर को कमजोर कर सकता है।
  4. लीवर कैंसर: फैटी लीवर से अगर समस्या बढ़ती है तो यह लीवर कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।
  5. अन्य समस्याएं: फैटी लीवर से जुड़ी अन्य समस्याएं शामिल हैं जैसे कि गुड़ा आँव, गठिया, और डायबिटीज।

फैटी लिवर से जुड़ी 10 समस्या

  1. फैमिली हिस्ट्री: परिवार में फैटी लिवर समस्या की विद्वेष इतिहास हो सकती है।
  2. मोटापा: अत्यधिक वजन रखने से फैटी लिवर का खतरा बढ़ सकता है।
  3. ऑयली स्पाइसी फूड: तेल और मसालेदार खाद्य का अधिक सेवन फैटी लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है।
  4. खून में फैट ज्यादा होना: अधिक चर्बी युक्त आहार की वजह से खून में फैट बढ़ सकता है।
  5. डायबिटीज: डायबिटीज के रोगी में फैटी लिवर का खतरा बढ़ सकता है।
  6. लंबे समय तक दवाई देना: लंबे समय तक नियमित दवाई लेना फैटी लिवर को प्रभावित कर सकता है।
  7. वायरल हेपेटाइटिस: वायरस से होने वाले हेपेटाइटिस रोग से जुड़ा हो सकता है।
  8. ज्यादा शराब पीने: अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना फैटी लिवर को बढ़ा सकता है।
  9. कोलेस्ट्रॉल में गड़बड़ी: उच्च कोलेस्ट्रॉल भी फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकता है।
  10. मेटाबॉलिज्म कम होना: शरीर की ऊर्जा को प्रबंधित करने में कमी फैटी लिवर का कारण बन सकती है।

डॉ. शलभ के अनुसार फैटी लीवर के नुकसान को नियंत्रित करने के लिए सही आहार, व्यायाम, और नियमित चेकअप की आवश्यकता है। यदि कोई व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है तो वह सलाह के लिए शिव हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर आकर उनसे मिल सकते हैं या उनके मोबाइल नंबर 7354775000 पर संपर्क करके जरूरी सलाह ले सकतें हैं।