मनेंद्रगढ़
एमसीबी/ मनेंद्रगढ़ वन मंडल की कहानी भी अजीब है जहां रेंजर मोटी रकम से अपने उच्च अधिकारियों को आए दिन खुश करते नजर आते हैं वही हकीकत कुछ अलग ही बयां कर रही है अभी हाल में ही वन विभाग के उच्च अधिकारियों की और से स्थानांतरण का लिस्ट जारी किया गया साथ ही इस स्थानांतरण में भी मोटी रकम देकर मनमाने रेंज मैं अपनी पद स्थापना करने का खेल चलता है वहीं आश्चर्य की बात है कि अभी चंद महीने पहले वन परिक्षेत्र केल्हारी में नये रेंज अधिकारी के रूप में दुलाल साय की पदस्थापना की गई आश्चर्य की बात है कि महीना भी नहीं बीता था फिर से मनमाने रेंज को हासिल करने का खेल शुरू हो गया जहां वर्तमान वन परिक्षेत्र अधिकारी केल्हारी के अवकाश लेकर अपने ग्रह ग्राम गए हुए थे ऐसे में मनेंद्रगढ़ वन मंडल अधिकारी की मनमानी रवैया और अधिक धन लाभ के चक्कर में डिप्टी रेंजर को प्रभार दे दिया गया वही इस संदर्भ में जब टेलीफोन के माध्यम से मनेंद्रगढ़ वन मंडल अधिकारी से संपर्क करना चाहा गया तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया इसके पश्चात वन परिक्षेत्र केल्हारी के वन परिक्षेत्र अधिकारी दुलाल साय से संपर्क किया गया तो दुलाल साय ने पूरी आपबीती बताई हकीकत जानकर आश्चर्य होता है कि वन विभाग में पैसों का खेला किस प्रकार से खेला जाता है इससे पूर्व भी मनेंद्रगढ़ वन मंडल में वन परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार का खेल कई रंग दिखा चुका है लेकिन समाज का आईना कहे जाने वाला मीडिया जहां अपने दायित्व और कर्तव्यों का पालन करते हुए सच्चाई को दिखाया लेकिन नोटों की चमक धमक में सच्चाई को दबा दिया एक बार फिर से वही खेल वन मंडल कार्यालय मनेंद्रगढ़ में फिर से वन परिक्षेत्र केल्हारी में खेला जा रहा है लेकिन इस बार वन परिक्षेत्र केल्हारी के वन परिक्षेत्र अधिकारी दुलाल साय इस प्रकार से चल रहे मनमानी खेल को लेकर न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं लेकिन सबसे बड़ा आश्चर्य के बाद यह है कि जिनके देखरेख में पूरे वन परिक्षेत्र संचालित होते हैं आखिर उन्हीं की मनमानी और तानाशाह रवैया और अधिक कमीशन लाभ का खेल किस दशा और दिशा को बयां कर रहा है यह आसानी से समझा जा सकता है वहीं दूसरी ओर वन विभाग में अधिक पैसा देकर वन परिक्षेत्र पर अपनी पदस्थापना किया जा सकता है और मनमाने तरीके से मनपसंद वन परिक्षेत्र में एक प्रकार से पैसों की बोली बोलकर मनपसंद वन परिक्षेत्र का प्रभारी बन जा सकता है यह चरितार्थ किया है वन मंडल कार्यालय मनेंद्रगढ़ ने लेकिन सबसे बड़ी बात यहां पर निकाल कर आती है कि जब इन सब मुद्दों पर पत्रकार वन मंडल अधिकारी मनेंद्रगढ़ से संपर्क करने की कोशिश करता है और सच्चाई को जानने का प्रयास करता है तो अधिक कार्य की व्यस्तता मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं अन्य व्यस्तता को बताकर मीडिया कर्मी से मुलाकात भी नहीं किया जाता कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के वन विभाग में पैसों का खेल चरम सीमा पर चल रहा है अधिकारी अधिक कमीशन और पैसे की लालच में वन विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं चाहे वह प्रतिस्थापन हो स्थानांतरण हो प्रभार हो या फिर किसी वन परिक्षेत्र का प्रभारी बना हो सब खेल पैसों का चल रहा है आखिर इस पर अंकुश कब लग पाएगा यह तो समय के गर्भ में छुपा है