
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा l तीसरे दिन हसदेव अरण्य समेत प्रदेश के जंगलों की कटाई को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा l विपक्ष की ओर से स्थगन प्रस्ताव लाया गया जिससे आसंदी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करते ही सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ l गर्भगृह में प्रवेश करने पर विपक्षी विधायक स्वमेव निलंबित हो गए l हसदेव अरण्य हो, तमनार हो या बस्तर के जंगल, प्रदेश के जंगलों में हो रही कटाई की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी l विपक्ष ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाया l विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि सभी स्थानों में जंगलों की अवैध कटाई की जा रही है l नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि आदिवासी इलाकों में जबरन पेड़ों की कटाई हो रही है,लोग अब सरकार व पुलिस से डरने लगे हैं l उन्होंने आरोप लगाया कि हसदेव, तमनार और बस्तर में जबरन जंगल काटे जा रहे हैं जिससे आदिवासी भय के माहौल में जी रहे हैं l इस पर सदन में चर्चा जरूरी है l कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने तमनार में जनसुनवाई को फर्जी बताते हुए गंभीर आरोप लगाए l उनका कहना था कि लोग धरने पर बैठे रहे औऱ मात्र 15 मिनट में औपचारिकता निभाकर सुनवाई खत्म कर दी गई l विपक्ष ने सरकार पर आदिवासियों के साथ अन्याय और फर्जी सुनवाई का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की l स्थगन प्रस्ताव पर सरकार के जवाब के बाद चर्चा अस्वीकार होते ही विपक्ष ने सदन के गर्भगृह में प्रवेश किया, जिसके बाद विधायक स्वमेव निलंबित हो गए l स्थगन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अशासकीय संकल्प में खदान नहीं खोलने की बात थी, बावजूद इसके जंगलों की कटाई तेज़ी से हो रही है l सरगुजा से बस्तर तक जंगल काटे जा रहे हैंl मंत्री गंभीर सवालों के जवाब में बस्तर ओलंपिक की बात कर रहे हैं l सरकार की संवेदनशीलता इसी से समझी जा सकती है l भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि जब राज्य में सोलर की संभावनाएं हैं तो कोयला खनन क्यों किया जा रहा है l उन्होंने मानव-हाथी द्वंद्व, प्रदूषण और पर्यावरणीय त्रासदी की चेतावनी भी दी l छत्तीसगढ़ में एक ओर विपक्ष जंगल, जमीन और आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई का दावा कर रहा है तो दूसरी ओर सरकार विकास और खनन को जरूरी बता रही है l अब ऐसे मे सवाल यही है हसदेव अरण्य, तमनार व बस्तर की हरियाली बचेगी या सियासत की भेंट चढ़ जाएगी l

