
खरसिया। खरसिया क्षेत्र के ग्राम नहरपाली में शासकीय कोटवारी सेवा भूमि को अवैध तरीके से बेचकर मोटा मुनाफा कमाने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। ग्राम के पूर्व कोटवार मेहतार दास महंत ने लगभग 1 एकड़ 50 डिसमिल भूमि को रायगढ़ के एक व्यवसायी को कौड़ियों के भाव बेच दिया। यह भूमि शासन द्वारा कोटवार को केवल सेवा के बदले जीवनयापन हेतु उपयोग और देखरेख के लिए दी जाती है, न कि निजी स्वार्थ में बेचने के लिए।
जानकारी के अनुसार रायगढ़ निवासी द्वारा इस भूमि का नामांतरण भी करा लिया गया था। अब उसी शासकीय जमीन पर टुकड़ों में प्लाट काटकर लाखों रुपए में बेचने का धंधा खुलेआम जारी है। मोनेट गेट के ठीक सामने चल रहे इस अवैध कारोबार से भू-माफिया भारी मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि शासन को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि कोटवारी सेवा भूमि का इस तरह से ट्रांसफर हो जाना ही अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या बिना शासकीय अनुमति के ऐसी जमीन किसी निजी व्यक्ति के नाम कैसे दर्ज हो गई? क्या इसमें राजस्व विभाग की भूमिका संदिग्ध है?
अवैध कब्जे और बिक्री से स्पष्ट है कि भू-माफिया सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाया गया तो शासकीय संपत्ति की यह लूट भविष्य में और बढ़ जाएगी। अब देखना यह होगा कि क्या शासन इस जमीन को अपने कब्जे में लेकर दोषियों पर कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

