रायगढ़ में हैवानियत : चोरी के आरोप में नाबालिग को खंभे से बांधकर बेल्ट से पीटा, मुक्के से फोड़ा नाक.. कोतवाली पुलिस खामोश! वायरल वीडियो देख कांप जाएगा कलेजा

रायगढ़। शहर के कोतरा रोड क्षेत्र में चोरी की वारदातों के बीच अब एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। रविवार रात चोरी के आरोप में पकड़े गए एक 13 वर्षीय नाबालिक बच्चे को कुछ युवकों द्वारा बिजली के खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटने का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो सामने आने के बाद न केवल इलाके में आक्रोश है, बल्कि कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मामला ‘चाय सुट्टा यार’ नामक चाय-सिगरेट दुकान से जुड़ा है। 27 अक्टूबर की रात लगभग ढाई बजे दुकान में चोरी की कोशिश के दौरान मोहल्लेवासियों ने एक नाबालिक को पकड़ लिया ऐसा दुकानदार प्रकाश नेताम ने कल सीजी नाउ डिजिटल मीडिया को बताया था, कि उसके यहां पहले भी चोरी की घटना हो चुकी थी, इसलिए वह पहले से सतर्क था। उसने बताया कि आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के बाद सुबह 7 बजे पुलिस को सौंप दिया गया।

लेकिन अब सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने पूरी कहानी का दूसरा पहलू सामने रख दिया है। वीडियो में करीब 13 साल का बच्चा बिजली के खंभे से बांधा हुआ दिखाई दे रहा है, जिसे बेल्ट और मुक्कों से पीटा जा रहा है। वीडियो में गालियां दी जा रही हैं और बच्चे को हाथ तोड़ देने की धमकी भी सुनाई दे रही है। डर के मारे मासूम बार-बार माफी मांगता नजर आता है, पर पीटने वालों का गुस्सा थमता नहीं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस वीडियो में बच्चे की नाक पर जोरदार प्रहार किया गया, जिससे खून बहने लगा। वीडियो वायरल होने के बाद अब शहर में यह चर्चा का विषय है कि अगर चोरी का आरोपी नाबालिक था, तो क्या उसे इस तरह सार्वजनिक रूप से मारना उचित है? क्या यह कानून व्यवस्था का मज़ाक नहीं है?

कानूनी जानकारों के मुताबिक, किसी भी स्थिति में नाबालिक के साथ हिंसक व्यवहार करना अपराध है। केवल पुलिस को ही उसे हिरासत में लेने का अधिकार होता है, वह भी किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत। अब सवाल यह उठ रहा है कि कोतवाली पुलिस क्या अब इस वायरल वीडियो पर स्वतः संज्ञान लेंगे?

यदि यह वीडियो सही है, तो बच्चे को पीटने वाले युवकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?  फिलहाल, इस पूरे मामले पर रायगढ़ एसपी दिव्यांग पटेल को स्वतः संज्ञान लेकर वीडियो में दिख रहे युवकों पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि अगर चोरी करने वाला बच्चा गलत था, तो उसे कानून सिखाना पुलिस का काम है, न कि किसी को सजा देने का अधिकार देना। कोतवाली पुलिस अब इस वीडियो की जांच में जुटती है या नहीं, यह देखना होगा। पर एक बात तय है –  इस घटना ने रायगढ़ की संवेदनशीलता और कानून व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

(डिस्क्लेमर : वायरल वीडियो की सच्चाई की पुष्टि हम नहीं करते, यह पुलिस जांच का विषय है लेकिन इतना तय है यह वीडियो रायगढ़ के कोतरा रोड की है, अगर ईमानदारी से पुलिस जांच करें तो सारी सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी)