रायगढ़ का ‘स्नेक हीरो’ : 7 सालों में 22 हजार से ज्यादा सांपों की बचाई जान

रायगढ़। कहते हैं इंसान अगर ठान ले तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। ऐसा ही कर दिखाया है रायगढ़ जिले के धर्मेंद्र सिंह राजपूत ने, जिन्हें लोग अब “स्नेक हीरो” के नाम से पहचानने लगे हैं। बीते सात वर्षों से धर्मेंद्र सिंह बिना किसी स्वार्थ के सांपों का रेस्क्यू कर उनकी जान बचा रहे हैं। खास बात यह है कि अब तक वे 22 हजार से भी ज्यादा सांपों को सुरक्षित जंगल में छोड़ चुके हैं।

धर्मेंद्र सिंह ने साल 2018 में रायगढ़ एनिमल सेवा समिति के बैनर तले इस अनोखे अभियान की शुरुआत की थी। उनकी टीम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों से लगातार कॉल रिसीव करती है और मौके पर पहुंचकर सांपों को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ देती है।

28 प्रजातियों के सांप किए रेस्क्यू

धर्मेंद्र सिंह अब तक 28 से ज्यादा प्रजातियों के सांप रेस्क्यू कर चुके हैं। इनमें अजगर, धामन, बुल्फ स्नेक, कुकरी स्नेक, कैट स्नेक, ब्रांडेड रसेल और इंडियन चेक्ड किल बैक जैसे गैर-जहरीले सांप शामिल हैं। वहीं कोबरा (भारतीय नाग), रसेल वाइपर, करैत, सिंधु करैत, अहिराज और पिट वाइपर जैसे बेहद जहरीले सांपों को भी वे सुरक्षित रूप से पकड़कर जंगल में छोड़ चुके हैं।

बरसात में सबसे ज्यादा कॉल

धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि उन्हें सालभर रेस्क्यू कॉल मिलते रहते हैं, लेकिन बरसात का मौसम सबसे चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान रोजाना 13–14 कॉल आ जाते हैं, जबकि गर्मियों में औसतन 5–6 और सर्दियों में 2–3 कॉल आते हैं। उनका अब तक का रिकॉर्ड एक ही दिन में 35 सांपों का रेस्क्यू करने का रहा है।

इंसान और सांप दोनों की सुरक्षा

धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि उनका मकसद केवल इंसानों को सांप के खतरे से बचाना नहीं है, बल्कि सांपों की जान की रक्षा करना भी है। वे मानते हैं कि प्रकृति के इस जीव को मारना समाधान नहीं, बल्कि समझदारी से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ना असली सेवा है।

धर्मेंद्र सिंह राजपूत आज रायगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनका यह मिशन बताता है कि अगर जुनून और लगन हो तो इंसान अकेले भी हजारों जिंदगियां बचा सकता है।