
रायगढ़। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में साई नृत्य निलयम के तत्वावधान में 29 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित राष्ट्रीय कथक नृत्य प्रतियोगिता “प्रणवम्” में रायगढ़ की उभरती नृत्यांगना सौम्या नामदेव ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। सीनियर वर्ग की एकल श्रेणी में उन्होंने देशभर से आए राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों – छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, कोलकाता, असम आदि से आए लगभग 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
31 अगस्त को सौम्या ने रायगढ़ घराने की कथक शैली में जब मंच पर कदम रखा तो तबले की थाप, सितार, बांसुरी और हारमोनियम की मधुर संगत के बीच उनकी भाव-भंगिमाओं और लय-ताल ने निर्णायकों के साथ दर्शकदीर्घा को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। सौम्या वर्तमान में ओ.पी. जिंदल स्कूल, रायगढ़ की कक्षा 9 की छात्रा हैं और पिछले 6 वर्षों से मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय में गुरु प्रीति रुद्र वैष्णव एवं रुद्र प्रीति वैष्णव से कथक की विधिवत शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। इस प्रस्तुति में गुरु माता प्रीति रुद्र वैष्णव ने “पठन” की संगत दी, पंडित सुनील वैष्णव और रुद्र वैष्णव ने तबला वादन किया तथा श्री लालाराम लुनिया ने मधुर गायन से वातावरण को और अधिक जीवंत बना दिया।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2024 में भी सौम्या ने विश्वविख्यात 39वें चक्रधर समारोह में अपनी उत्कृष्ट नृत्य प्रस्तुति देकर दर्शकों और विशेषज्ञों से भरपूर सराहना प्राप्त की थी। अपनी सफलता का श्रेय सौम्या ने अपनी माता श्रीमती ब्यूटी नामदेव और गुरु माता श्रीमती प्रीति वैष्णव को दिया। वे सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड, रायगढ़ में मानव संसाधन विभाग के प्रमुख श्री अतीत नामदेव की पुत्री हैं। सौम्या की उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत और साधना का परिणाम है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य की धरोहर नई पीढ़ी में सुरक्षित है। रायगढ़ की इस प्रतिभाशाली नृत्यांगना ने कला और संस्कृति की विरासत को राष्ट्रीय पटल पर एक नई ऊँचाई प्रदान की है।

