
- बजट की कमी का हवाला देकर अचानक रद्द किया गया शो
रायगढ़। छत्तीसगढ़ की भूमि पर जन्मे छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कलाकारों में से एक गायक, संगीतकार एवं अभिनेता नितिन दुबे का कार्यक्रम रायगढ़ में होने वाले ऐतिहासिक चक्रधर समारोह 2025 में 1 सितम्बर 2025 को तय था। पूरी मीडिया में उनका नाम था और जगह-जगह बैनर-पोस्टर में उनके बड़े-बड़े फोटो हुए लगे थे। लेकिन अचानक बजट की कमी का हवाला देकर आयोजन समिति ने उनका प्रोग्राम कैंसल कर दिया। इस पूरे मामले की जानकारी नितिन दुबे ने अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक ऑफिशियल हैंडल पर वीडियो जारी कर दी।

चक्रधर समारोह 2025 के मुख्य आकर्षणों में से एक था नितिन दुबे का प्रोग्राम
जिला प्रशासन रायगढ़ की ओर से 1 सितम्बर को नितिन दुबे के कार्यक्रम की घोषणा प्रेस रिलीज और पोस्टर के माध्यम से की गई थी। इसके बाद से ही पूरे शहर में उनके शो को लेकर जबरदस्त उत्साह था, क्योंकि नितिन दुबे आज छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक हैं। पिछले 25 वर्षों से वे छत्तीसगढ़ी संगीत जगत में सक्रिय हैं और देश के अलग-अलग राज्यों में प्रस्तुतियाँ देकर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा चुके हैं। महज 7 साल की उम्र से बाल कलाकार के रूप में मंच पर सक्रिय नितिन दुबे ने 1988 से अब तक 37 वर्षों में 2500 से अधिक प्रस्तुतियाँ दी हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ का सर्वश्रेष्ठ लाइव परफॉर्मर माना जाता है। सैकड़ों सुपरहिट गीतों के जरिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। यही कारण था कि दर्शकों की सबसे बड़ी भीड़ 1 सितम्बर को उनकी प्रस्तुति देखने के लिए होने वाली थी। लेकिन उनके कार्यक्रम का अचानक कैंसल होना दर्शकों के लिए बेहद निराशाजनक रहा।
‘रायगढ़ वाला राजा’ गीत से नितिन दुबे ने दिलाई रायगढ़ को देशभर में पहचान
नितिन दुबे का ब्लॉकबस्टर गीत ‘रायगढ़ वाला राजा’ इतना लोकप्रिय हुआ कि आज यह रायगढ़ की नई पहचान बन चुका है। देश के अलग-अलग राज्यों में जब वे इस गीत को लाइव गाते हैं तो लोग रायगढ़ से परिचित हो जाते हैं। यह गीत छत्तीसगढ़ी गीतों में सबसे अधिक देखा जाने वाला मेल सोलो गीत है। इसके दो ऑफिशियल वीडियो मिलाकर 75 करोड़ से अधिक व्यूज हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ी डुएट गीतों में भले कई हिट हुए हों, लेकिन मेल सोलो गानों में ‘रायगढ़ वाला राजा’ की बराबरी अभी तक कोई गीत नहीं कर पाया। रायगढ़ के नाम को ऐसी ऐतिहासिक पहचान दिलाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी नितिन दुबे की उपेक्षा, रायगढ़वासियों के लिए निराशाजनक कही जाएगी।
“छत्तीसगढ़ रत्न” से सम्मानित हैं नितिन दुबे
संगीत के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाने के लिए नितिन दुबे को “छत्तीसगढ़ रत्न” सम्मान प्रदान किया गया है। ‘चँदा रे’, ‘रायगढ़ वाला राजा’, ‘का तैं रूप निखारे चंदैनी’, ‘कोचईपान’, ‘गोंदा तोला रे’, ‘नीलपरी’, ‘गुलमोहर’, ‘तोर बारात’, ‘मुनगाकाड़ी’, ‘बर्बाद 1’, ‘बर्बाद 2’, ‘हाय मोर चाँदनी’ जैसे अनेक सुपरहिट गीतों के अलावा उन्होंने ‘प्रथम वंदना’, ‘छत्तीसगढ़ मोर छइहाँ भुइयाँ’, ‘चंद्रसेनी अमेकथा’, ‘साँचा है एक तेरा ही दरबार माँ’, और ‘बाबा तोर महिमा अपार’ जैसे कई जसगीत एवं पंथी गीत गाए हैं। यही कारण है कि दर्शक उनके लाइव कार्यक्रम को लेकर बेहद उत्सुक थे।
नीचे ब्लू लिंक को क्लिक कर नितिन दुबे का सोशल मीडिया पोस्ट देखें
https://www.instagram.com/reel/DN6CY6fElL7/?igsh=MW1lcnRqODV6OHRkcQ==
नितिन दुबे ने सोशल मीडिया पर उठाया सवाल – बजट की कटौती हमेशा छत्तीसगढ़ी कलाकारों के लिए ही क्यों?
नितिन दुबे ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि उनका कार्यक्रम तय करने, पेमेंट फाइनल करने और पूरे शहर में पोस्टर लगाने के बाद अचानक उन्हें मेल किया गया कि बजट नहीं है और उन्हें तय राशि से 50% कम भुगतान पर शो करना होगा। इस पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि अगर बजट की समस्या थी तो पहले ही बताया जाना चाहिए था। अचानक से कम राशि पर प्रस्तुति देने के लिए कहना कलाकारों का अपमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बॉलीवुड कलाकारों को पूरा भुगतान किया जा सकता है तो छत्तीसगढ़ी कलाकारों के लिए बजट क्यों कम पड़ता है? उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब छत्तीसगढ़ी कलाकारों को भी सही मेहनताना और इज्जत के साथ मंच पर आमंत्रित किया जाएगा।
नितिन दुबे का प्रोग्राम कैंसल होने से लोगों में निराशा
चक्रधर समारोह 2025 में नितिन दुबे की प्रस्तुति कैंसल होने के बाद दर्शकों में निराशा फैल गई। छत्तीसगढ़ी संगीत प्रेमियों का मानना है कि इस फैसले से समारोह की चमक फीकी पड़ गई है, क्योंकि नितिन दुबे की लाइव प्रस्तुति हमेशा से ही छत्तीसगढ़ की सबसे बेहतरीन प्रस्तुतियों में गिनी जाती रही है। रायगढ़ की धरती से निकले इस संगीत सितारे ने बार-बार रायगढ़ का नाम रोशन किया है और इस बार उनका मंच न मिलना लोगों को खटक रहा है।

