7 साल की लाली की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, 5 आरोपी गिरफ्तार

मुंगेली: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 7 साल की मासूम लाली उर्फ महेश्वरी की अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला और मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के मार्गदर्शन में गठित विशेष टीम ने इस जघन्य अपराध के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह हत्या झाड़फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर धन कमाने के लालच में की गई थी।

क्या है पूरा मामला?

12 अप्रैल 2025 को ग्राम कोसाबाड़ी, थाना लोरमी निवासी पुष्पा गोस्वामी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी 7 साल की बेटी लाली, जो दूसरी कक्षा की छात्रा थी, 11 अप्रैल की रात को घर से गायब हो गई। लाली रात 10 बजे अपनी मां के साथ सोई थी, लेकिन आधी रात को उसका बिस्तर खाली पाया गया। परिवार ने आसपास और रिश्तेदारों के यहां तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और आर्थिक तंगी

लाली का परिवार बेहद गरीब और अभावग्रस्त है। लाली के पिता जनकगिरी बचपन से पोलियो से ग्रस्त हैं और डेढ़ साल पहले लकवा मारने के बाद बिस्तर पर हैं। उनकी पत्नी पुष्पा मानसिक रूप से कमजोर हैं और महुआ की कच्ची शराब बेचकर परिवार का गुजारा करती हैं। परिवार की आय इतनी कम है कि वे जनकगिरी के भाई चिम्मन पर निर्भर थे। लाली सहित उनके पांच बच्चों की परवरिश भी मुश्किल थी।

मानव अवशेषों से खुला हत्या का राज

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान 6 मई 2025 को कोसाबाड़ी के श्मशान से 100 मीटर दूर एक खेत में मानव खोपड़ी और हड्डियां मिलीं। विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि यह अवशेष 7-8 साल की बच्ची के हैं। डीएनए जांच में ये अवशेष लाली के होने की पुष्टि हुई। मेडिकल रिपोर्ट में चोट के निशान भी मिले, जिससे हत्या की आशंका पक्की हो गई। इसके बाद पुलिस ने अपहरण के मामले में हत्या की धाराएं जोड़ीं और जांच को तेज किया।

तंत्र-मंत्र और झाड़फूंक का काला सच

विवेचना में पुलिस को पता चला कि कोसाबाड़ी और आसपास के गांवों में जादू-टोना और झाड़फूंक की प्रथाएं आम हैं। इस क्षेत्र में ‘झरन’ नामक पूजा का चलन है, जिसके जरिए लोग धन कमाने की मान्यता रखते हैं। जांच में सामने आया कि लाली की चचेरी भाभी ऋतु गोस्वामी बेहद महत्वाकांक्षी थी और उसने पैसे कमाने के लिए यह जघन्य कदम उठाया।

पुलिस ने पॉलिग्राफ, ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के जरिए सच्चाई तक पहुंचने की कोशिश की। टेस्ट में खुलासा हुआ कि ऋतु ने लाली को झरन पूजा के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। उसने नरेंद्र मार्को को पैसे देकर लाली को घर से लाने को कहा। चिम्मन, जो बैगा-गुनिया का काम करता था, ने पूजा का सामान लाया और आकाश मरावी ने सबूत मिटाने के लिए लाली के शव को खेत में दफनाया।

कैसे पकड़े गए आरोपी?

पुलिस ने साइबर सेल, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया। पूछताछ में ऋतु, चिम्मन, नरेंद्र मार्को, आकाश मरावी और रामरतन निषाद ने अपना गुनाह कबूल किया। इनके पास से हत्या में इस्तेमाल छुरा और कुछ अस्थियां भी बरामद की गईं। 26 जुलाई 2025 को सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

कौन हैं आरोपी?

  1. चिम्मन गोस्वामी (40 वर्ष): लाली का चचेरा भाई, जो बैगा-गुनिया का काम करता था।
  2. ऋतु गोस्वामी (36 वर्ष): चिम्मन की पत्नी, इस हत्याकांड की मुख्य साजिशकर्ता।
  3. नरेंद्र मार्को (21 वर्ष): लाली को अपहरण करने में शामिल।
  4. आकाश मरावी (21 वर्ष): सबूत मिटाने में मदद की।
  5. रामरतन निषाद (45 वर्ष): झाड़फूंक सिखाने वाला सह-अभियुक्त।

ऋतु पर एक और मामला

ऋतु गोस्वामी पर एक अन्य मामले में भी धोखाधड़ी का आरोप है। उसने गांव की झामियाबाई पन्द्राम के नाम पर लोन लेकर राशि हड़प ली थी। इस मामले में भी थाना लोरमी में अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस की मेहनत रंग लाई

इस जटिल मामले को सुलझाने में साइबर सेल प्रभारी सुशील कुमार बंछोर, थाना प्रभारी सतेंद्रपुरी गोस्वामी, उपनिरीक्षक सुंदरलाल गोरले, नंदलाल पैकरा, निर्मल घोष, राजकुमारी यादव और साइबर सेल की टीम की अहम भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मौके पर पहुंचकर जांच की बारीकियों को समझा और टीम को प्रोत्साहित किया।

यह मामला न केवल एक मासूम बच्ची की हत्या की दुखद कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अंधविश्वास और लालच कितने खतरनाक हो सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी जांच ने इस जघन्य अपराध के दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, लेकिन लाली के परिवार का दर्द कभी कम नहीं होगा।