ग्राम दर्रामुड़ा में स्व. जमुना बाई पटैल की स्मृति में आयोजित श्री शिवमहापुराण कथा का भव्य शुभारंभ

खरसिया, 18 अप्रैल। खरसिया के ग्राम दर्रामुड़ा में पटैल परिवार द्वारा स्व. जमुना बाई पटैल की स्मृति में श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है। इस आयोजन का शुभारंभ 17 अप्रैल 2025 को एक भव्य कलश यात्रा के साथ किया गया। कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

कलश यात्रा गौतम चौक के पास कथा स्थल से प्रारंभ हुई, जो मांड नदी तक गई। मांड नदी में गंगा मैय्या की विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के बाद कलशों में पवित्र जल भरा गया, फिर यह यात्रा कथा स्थल पर लौट आई। श्रद्धालुओं ने इस दौरान कर्मा नृत्य और डीजे साउण्ड पर भव्य भक्तिमय भजन गाए, जिससे उत्सव का माहौल बना रहा।

कलश यात्रा के पश्चात कथा स्थल पर पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ और मंगल कलश स्थापित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से कथावाचक पंडित दीपक कृष्ण महाराज, आचार्य चंचल महाराज, दीनबंधु महाराज, भुवनदास महाराज, पीलादास महाराज समेत अन्य मौजूद रहे। पंडित दीपक कृष्ण महाराज ने कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह श्री शिवमहापुराण की कथा हमारे जीवन को धर्म, आस्था और भक्ति की ओर मार्गदर्शन देने वाली है। उनका संबोधन बहुत ही प्रेरणादायक था और सभी श्रद्धालुओं ने उनका उपदेश ध्यानपूर्वक सुना।

कथा के पहले दिन पंडित दीपक कृष्ण महाराज ने महात्म कथा सुनाते हुए श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया। उन्होंने भगवान शिव के अद्वितीय गुणों और उनकी पूजा के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से बताया। श्रद्धालुओं ने गहरी श्रद्धा के साथ कथा सुनी और धर्म में तल्लीन हो गए। कथा के पहले दिन की समाप्ति के बाद आरती का आयोजन किया गया, जिसमें सभी भक्तों ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।

कथा के पहले दिन की समाप्ति के बाद प्रसाद वितरण किया गया और सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इसके साथ ही एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया। यह आयोजन श्रद्धालुओं के बीच आपसी भाईचारे और सामूहिकता की भावना को प्रगाढ़ करने का एक सुंदर अवसर बना। आयोजन की भव्यता और धार्मिकता ने सभी को एक साथ बांध दिया और ग्राम दर्रामुड़ा में एक अद्वितीय धार्मिक उत्सव का एहसास कराया।