ये आक्रोश की ज्वाला बुझनी नहीं चाहिये : उमेश पटेल

  • नाम वापस और प्रत्याशियों को धमकाये जाने की घटना के बाद उमेश ने कांग्रेस प्रत्याशियों को किया बूस्ट-अप

रायगढ़। रायगढ़ नगर निगम के कांग्रेस संचालक खरसिया विधायक उमेश पटेल शनिवार शाम कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं व पार्षद प्रत्याशियों में जोश भरा। उनके भाषण में नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशियों द्वारा नाम वापिस लेने और सत्ता दल द्वारा धन, बल और प्रशासनिक बल द्वारा उनके प्रत्याशियों को तोडऩे को लेकर काफी आक्रोश था।

पार्षद प्रत्याशियों को संबोधित करते हुए उमेश पटेल ने कहा कि कल की घटना के बाद जो आक्रोश मेरे अंदर है वो आप में भी होना चाहिए। आक्रोश की ये ज्वाला नही बुझनी चाहिए  कहीं धीमी हो तो तेल डालने मैं आऊंगा। ये आक्रोश नही दबना चाहिए। रायगढ़ की जनता के बीच हम सभी को एक होकर जाना होगा और उन्हें इस बारे में बताना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि भाजपा द्वारा 15 लोगों को प्रलोभन दिया गया। जो दो लोग गए उनको छोड़ो

जो नही गए उनके जज्बे को प्रणाम। वार्ड 23 के कांग्रेस प्रत्याशी शरद महापात्रे प्रचार कर रहे थे  उन्हें सत्ता दल के गुंडे जबरदस्ती पकड़ कर ले गए। पर शरद ने रिटर्निंग ऑफिसर के कमरे में गए और बड़े सुकून से मना किया और छाती ठोकर कहा का प्रत्याशी हूं और रहूंगा। आप सभी से कहना चाहूंगा कि अगर आप कांग्रेसी हों तो कांग्रेसी बनना होगा। आप सभी अपने अपने ईगो को खूंटी में टांग लो, सबको साथ चलना हैं।

भाजपा पर उमेश पटेल का कड़ा प्रहार
कल की घटना की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। रायगढ़ जिले में पहली बार इस तरह की घटना हुई है। हमने जिले में कई सरकार का कार्यकाल देखा जिसमें भाजपा का और कांग्रेस का, कई विधायक देखें नये-पुराने जो भाजपा-कांग्रेस के थे। इस प्रकार की घटना पहले कभी नहीं हुई थी। कल जिस तरह से धनबल, बाहुबल, प्रशासनिक बल का प्रयोग करके हमारे दो प्रत्याशियों को अगवा कर के ले  जाया गया ये निंदनीय है। मैं यह अपील करना चाहता हूँ कि रायगढ़ के लोगों की एक छवि है जो पूरे प्रदेश में संस्कारधानी के रूप में है। संस्कार से हम इस  रायगढ़ को जानते है और हमारे बड़े कभी यह संस्कार नहीं दिया कि अपने विपक्षी को दबाया जाये।

ये पहली बार ये देखने को मिल रहा है और मैं रायगढ़ की जनता से ये अपील करूंगा कि धनबल, बाहुबल, प्रशासनिक बल का प्रयोग करके लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की जा रही है उसे हमारी रायगढ़ की जनता समझती है और रायगढ़ के लोग इसके खिलाफ वोट करेंगे। मुझे जहां तक ज्ञात हुआ कि हमारे प्रत्याशी शरद महापात्रे को जो अपने प्रचार में लगे हुए थे उन्हें वहां से उठा लिया गया जबरदस्ती ले जाया गया अंदर घुसा दिया गया और उन्हें अंदर कहना पड़ा कि मुझे जबरदस्ती यहां लाया गया मैं कांग्रेस के साथ हूँ, कांग्रेस था और कांग्रेस के साथ रहूंगा इससे तो यह स्पष्ट हो गया है जबरदस्ती चल रहा है।

संस्कारधानी कहलाने वाले रायगढ़ में अभी स्वच्छ राजनीति चल रही थी हमारे पुराने नेता, पत्रकार सभी जानते हैं कि इस प्रकार की राजनीति नहीं हुई थी। और इस तरह जो राजनीति जो बीजेपी ने चालू की है वह गलत राजनीति है। भाजपा कांग्रेस की छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। हमारा कोई भी पार्षद प्रत्याशी डरा हुआ नहीं है सभी की आस्था कांग्रेस पर बनी हुई है और कांग्रेस के प्रत्याशी जोर-शोर से पार्षद और महापौर का चुनाव लड़ेंंगे और जीतेंगे।

१० लाख के ऑफर को ठुकराया फिर धमकाया, नहीं माना तो उठाकर ले गये: शरद महापात्रे
वार्ड क्रं.२३ के कांग्रेस प्रत्याशी शरद महापात्रे ने मीडिया से कहा कि मुझे पर पहले १० लाख रूपये का ऑफर देकर नाम वापस लेने के लिये दबाव बनाया गया   नहीं माना तो वे मुझे धमकी देने लगे। मैं इनकी धमकियों से नहीं डरा और अपना प्रचार-प्रसार कर रहा था कि इसी दौरान कुछ अंजान मुझे जबरदस्ती उठाकर कलेक्टोरेट ले गये और सीधे रिटर्निंग ऑफिसर के कक्ष में ले गये। जहां मुझे पर नाम वापस लेने के लिये दबाव बनाया गया पर मैं कमरे में गया और इत्मिनान से नाम वापस नहीं लेने की बात ऑफिसर से की। मैं और मेरा पूरा परिवार कई पीढिय़ों से कांग्रेस का सच्चा समर्थक रहा है। शिकायत करने की बात पर शरद ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की है और अज्ञात लोग जो उन्हें उठाकर ले गये थे उन पर कार्रवाई करने के लिये लिये और धन की पेशगी करने वालों पर कार्रवाई के लिये जिला अध्यक्ष महादेय को कहा है। मैं फिलहाल अपना पूरा फोकस चुनाव पर कर रहा हूँ और इसे जीतने का माद्दा रखता हूँ। मुझे अब डर लगने लगा कि मेरे साथ कुछ भी अप्रिय घटना घट सकती है इसलिये मैंने सुरक्षा की मांग भी की है।