कांग्रेस के किले को ध्वस्त करने सूरज ने ठोकी ताल, ओपी के साथ से वार्ड 13 में भाजपा का सूर्योदय संभव!

रायगढ़। नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। वार्ड आरक्षण प्रक्रिया के साथ ही चुनावी गहमागहमी ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। हर वार्ड से नए और पुराने चेहरे चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इस बार, वार्ड नंबर 13 जो लंबे समय से कांग्रेस के कब्जे में है, फिर से चर्चा का केंद्र बन चुका है। इस वार्ड से भाजपा युवा नेता सूरज शर्मा ने अपनी दावेदारी ठोक दी है और कांग्रेस के गढ़ को चुनौती देने का ऐलान किया है।विदित हो कि पिछले चुनाव में वार्ड 13 का मुकाबला बेहद रोचक और हाई-वोल्टेज रहा था। महज 25 साल की उम्र में सूरज शर्मा ने दिग्गज नेता लक्ष्मी साहू को कड़ी टक्कर देते हुए करीब 50 वोटों के अंतर से हार का सामना किया था।

हालांकि, इस चुनाव में सूरज शर्मा की मेहनत और जुझारू व्यक्तित्व ने उन्हें जनता के बीच एक “बाजीगर” की पहचान दिलाई। इस हार के बावजूद सूरज लगातार वार्डवासियों के लिए कार्य करते रहे। जनता के साथ निरंतर जुड़ाव और समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहने की उनकी शैली ने उन्हें वार्डवासियों के बीच लोकप्रिय बना दिया है। सूरज शर्मा अब 30 साल के परिपक्व और सक्रिय नेता बन चुके हैं। उनकी छवि एक कर्मठ और सुलभ नेता की है, जो जनसेवा के प्रति समर्पित हैं। भाजपा युवा विंग के जिला महामंत्री के रूप में उन्होंने संगठन में भी मजबूत पकड़ बनाई है। उनका जोश, जुझारूपन और जनता से नजदीकी उन्हें वार्ड 13 के सबसे प्रबल दावेदारों में से एक बनाती है।

ओपी का साथ सूरज की ताकत

सूरज शर्मा को पार्टी का पूरा समर्थन हासिल है। वित्त मंत्री एवं रायगढ़ के विधायक ओपी चौधरी का विशेष स्नेह और मार्गदर्शन सूरज को मजबूती प्रदान करता है। पिछली बार भी ओपी चौधरी ने उनके पक्ष में वार्ड में प्रचार किया था। इस बार, प्रदेश में भाजपा की सरकार और रायगढ़ में भाजपा विधायक होने के कारण सूरज शर्मा के पक्ष में चुनावी समीकरण और अनुकूल नजर आ रहे हैं। सूरज को भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन मिला है।

वार्ड में बदलाव की मांग

सूरज का कहना है कि वार्ड में बदलाव की मांग तेज हो रही है। “जनता अब परिवर्तन चाहती है। मैं वार्डवासियों की सेवा में समर्पित हूं और यही मेरा सबसे बड़ा संबल है। पिछली हार के बाद भी मैंने अपनी जिम्मेदारियों में कोई कमी नहीं की। वार्ड की जनता का प्यार और विश्वास मेरे साथ है।” सूरज का जोर विकास कार्यों, जनसंपर्क, और वार्ड की समस्याओं के त्वरित समाधान पर है। सूरज ने बताया कि पूर्व पार्षद जुगनू राठौर, भाजपा नेता दीनु यादव और पिछले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे पंकज सेठिया का समर्थन भाजपा की जीत की राह प्रशस्त करेगा।

क्या बदलेगा इतिहास?

वार्ड 13 में पिछले चार चुनावों से कांग्रेस के लक्ष्मी साहू का कब्जा है। लेकिन इस बार परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। 2019 में जहां कांग्रेस सरकार का लाभ लक्ष्मी साहू को मिला था, वहीं अब राज्य और रायगढ़ दोनों में भाजपा का दबदबा है। वार्ड 13 में भाजपा और कांग्रेस के बीच यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। जहां कांग्रेस अपने अनुभव और रणनीति के दम पर मैदान में उतरेगी, वहीं भाजपा युवा ऊर्जा और परिवर्तन के संदेश के साथ इस बार कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। अब देखना यह है कि क्या भाजपा कांग्रेस के किले को ढहाने में कामयाब होती है या नहीं। लेकिन एक बात तय है कि इस बार का मुकाबला पहले से भी ज्यादा रोमांचक और अप्रत्याशित होगा।