रायपुर। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का चितवाडोंगरी अपनी पुरातात्विक शैलचित्रों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए जाना जाता है। डौंडी लोहरा विकासखंड के ग्राम सहगांव के पास स्थित यह क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक महत्व का है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है। चितवाडोंगरी के ऊंचे भाग से गोंदली जलाशय और आसपास के वनांचल का अद्भुत दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
चितवाडोंगरी में बड़ी चट्टानों के बीच स्थित छोटी-छोटी गुफाएं और इन पर उकेरे गए प्राचीन शैलचित्र इसकी ऐतिहासिकता को उजागर करते हैं। इन शैलचित्रों को संरक्षित करने के लिए वन विभाग ने इसे तारों से घेर दिया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने चितवाडोंगरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के कई प्रयास किए हैं। यहां बैठक व्यवस्था, सोलर लाइट, शुद्ध पेयजल, शौचालय और पर्यावरण के अनुकूल रास्ते बनाए गए हैं। साथ ही वृक्षारोपण भी किया गया है, जिससे यह स्थान और अधिक आकर्षक बन गया है।
इस क्षेत्र की खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व को देखने देशभर से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। चितवाडोंगरी अब बालोद जिले के प्रमुख पुरातात्विक पर्यटन स्थलों में से एक बन चुका है, जहां आगंतुकों को इतिहास और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है।