ईडी ने सोमवार को दावा किया कि उसने ऐसे सबूत जुटाए हैं, जिनसे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने कथित शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय का इस्तेमाल किया। ईडी ने धनशोधन मामले की जांच के तहत 28 दिसंबर को राज्य के रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के परिसरों पर छापे मारे थे।
ईडी ने एक बयान में कहा कि तलाशी अभियान लखमा के आवासीय परिसर में चलाया गया जो आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर अपराध की आय के मुख्य प्राप्तकर्ता थे। ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप, घोटाले की संबंधित अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा अपराध की आय के इस्तेमाल से संबंधित सबूत जुटाए गए हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि लखमा को शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय से मासिक आधार पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलती थी।
ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।कवासी लखमा (71) कोंटा से छह बार के विधायक हैं और पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं। हरीश लखमा जिले में पंचायत अध्यक्ष हैं। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई ने पूर्व में आरोप लगाया था कि ये छापे शहरी निकाय और पंचायत चुनावों से पहले विपक्षी पार्टी के नेताओं को परेशान करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश का हिस्सा हैं।