छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर क्षेत्र के माओवाद प्रभावित इलाकों में सक्रिय आदिवासी संगठन ‘मूलवासी बचाओ मंच’ (Moolvasi Bachaao Manch) पर प्रतिबंध लगाते हुए सोमवार को इसे ‘गैरकानूनी’ घोषित कर दिया। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से 30 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर क्षेत्र के माओवाद प्रभावित इलाकों में सक्रिय आदिवासी संगठन ‘मूलवासी बचाओ मंच’ (Moolvasi Bachaao Manch) पर प्रतिबंध लगाते हुए सोमवार को इसे ‘गैरकानूनी’ घोषित कर दिया। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से 30 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था।
छत्तीसगढ़ के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में दावा किया गया है कि ‘मूलवासी बचाओ मंच’ माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों और सुरक्षा बलों के संचालन के लिए स्थापित शिविरों का लगातार विरोध करता रहा है। इसके अलावा संगठन इन गतिविधियों के खिलाफ जनता को भड़काता रहा है।
गौरतलब है कि ‘मूलवासी बचाओ मंच’ सुकमा और बीजापुर के विभिन्न इलाकों में शिविरों की स्थापना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरना दे रहा था। मंच के अधिकांश सदस्य आदिवासी युवा हैं, जिसने सुकमा में सिलगेर शिविर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था।
आदेश में कहा गया है कि संगठन ने न्यायिक प्रशासन में हस्तक्षेप किया है, कानूनी रूप से स्थापित संस्थाओं की अवज्ञा को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण सार्वजनिक व्यवस्था और शांति में गड़बड़ी हुई है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इन कार्यों को राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक माना गया है।
आदेश में आगे कहा गया है कि छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 (क्रमांक 14, 2006) की धारा 3, उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, राज्य सरकार ने ‘मूलवासी बचाओ मंच’ को इस अधिसूचना की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी’ संगठन घोषित किया है।