रायगढ़। धरमजयगढ़ वन मंडल में जंगलों में हाथी शावक का एक माह पुराना कंकाल मिलने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद वन विभाग में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है। घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची टीम ने हाथी शावक के कंकाल को जांच के लिए लैब भेजते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ जिले के जंगलों में पिछले लंबे समय से हाथियों का बड़ा दल विचरण कर रहा है। यहां हाथियों की बड़ी संख्या होनें की वजह से यहां बीते कई सालों हाथी और मानव की बीच द्वंद भी जारी है, जिसमें कभी हाथी तो कभी इंसान की मौत की खबर अक्सर सामने आते रही है। वर्तमान समय की बात करें तो धरमजयगढ़ वन मंडल में ही कुल 152 हाथी विचरण कर रहे हैं। इस दल में 36 नर हाथी, 77 मादा हाथी के अलावा 39 शावक शामिल है।
इसी क्रम में धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज के रूंवाफूल बीट के कक्ष क्रमांक 667 में एक माह पुराना हाथी शावक का कंकाल मिलने से वन विभाग में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है। यहां के जंगल में एक माह पुराना कंकाल मिलना वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का दर्शाता है। बताया जा रहा है कि जंगल में हाथी शावक के अवशेष मिलने की जानकारी सबसे पहले गांव के कुछ ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया था लेकिन इसके बावजूद विभाग के द्वारा इस ओर किसी तरह की पहल नही करने के बावजूद ग्रामीण ने स्थानीय पत्रकारों को इस घटना से अवगत कराया था।
पहुंची विभाग की टीम
बताया जा रहा है कि गांव के ग्रामीणों ने जिस जगह में हाथी शावक का कंकाल मिला था, उस जगह का नक्शा बनाकर ग्रामीणों ने जानकारी दी थी। इसके बाद अन्य लोग वहां पहुंचे। इस बात की जानकारी लगते ही वन विभाग के अधिकारी भी आनन-फानन में ड्रोन कैमरे की सहायता से मौके पर पहुंचे और हाथी शावक के कंकाल को लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
वन अधिकारियों की लापवाही- ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के जंगलों में हाथी दल विचरण करने के बावजूद विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतते हुए जंगलों का निरीक्षण नहीं किया जाता, बल्कि ऑफिस में ही बैठकर ड्रोन कैमरे के जरिये हाथियों पर निगरानी की जाती है। ग्रामीणों के द्वारा कुछ कहने पर उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी जाती है।
सैंपल भेजा गया लैब
इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि बोरो रेंज के रूवाफुल बीट के कक्ष क्रमांक 677 में हाथी के अवशेष मिले हैं। हाथी के अवशेष का पंचनामा तैयार करने के साथ-साथ डाक्टरों के जांच मुआयना के बाद शव दहन किया जा रहा है। डाक्टरों की टीम ने सैंपल कलेक्ट करके लैब भेजा गया है, ताकि हाथी के मौत के कारणों का पता चल सके।
विभाग ने बनाई जांच टीम
डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से वन विभाग को जंगल में हाथी के शव होनें की जानकारी मिली। जिसके बाद वन रक्षक के अलावा हाथी टैªकर मौके पर पहुंचे। हाथी का शव सड़ चुका था इसके बावजूद विभाग कर्मचारियों को इस मामले की जानकारी नही होना यह जांच का विषय है। उपवनमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में यह जांच टीम का गठन करके इसका पता लगाया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही हुई है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।