रायगढ़ में हजारों की संख्या में घाटों पर पहुंचे लोग, डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

रायगढ़। गुरुवार की शाम रायगढ़ शहर के केलो नदी में स्थित छठ घाटों में छठी मैया की पूजा करने वाले श्रद्धालुगण शाम चार बजे अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजा सामाग्री और विभिन्न तरह के फल-फूल को टोकरी में सजाकर अपने सिर पर रखकर छठी मैया का लोक मंगल गान करते हुए ढोल नगाड़ों के साथ अपने निर्धारित पूजा स्थान पर पहुंचे।

छठी मैया पूजा के अंतर्गत मान्यतानुसार, नहाए खाए, खरना पूजा के बाद अस्ताचल हो रहे भगवान सूर्य देव को श्रद्धा का पहला अर्घ्य दिया जाता है। इस परंपरा का पालन करते हुए आज शहर के सभी छठ घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण और व्रतीगण घाटों पर पहुंचे और विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ पवित्र मन से नदी और तालाब में स्नान कर पूजा अर्चना की। इसके पश्चात उन्होंने भगवान सूर्य को बड़ी श्रद्धा से श्रद्धा का अर्घ्य अर्पित कर आज के धार्मिक नियमों का पालन किया।

छठ घाट पहुंची महिला ने बताया कि यह छठ पर्व नहीं यह महापर्व है। हम बिहारियों के लिये उत्तर भारतीयों के लिये। यह पर्व आज करोड़ों लोगों के लिये आस्था का पर्व बन चुका है। सारे लोग उगलते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। लेकिन यही एक ऐसा पर्व है जिसमें वे लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह पर्व हम सभी के लिये विश्वास और आस्था का पर्व है। कल सभी व्रतीगण उगते हुए सूर्य को श्रद्धा का जल अर्घ्य अर्पित कर अपने व्रत संकल्प को पूरा करेंगे। इसके बाद फलाहार को ग्रहण करेंगे। 

सदियों से चली आ रही परंपरा
छठ घाट पूजा करने पहुंची एक महिला ने बताया कि सदियों से छठ पूजा की परंपरा चली आ रही है। हम अपने घर परिवार के सुद्ध समृद्धि बना रहे इसलिये पूजा करते आ रहे हैं। जो भी हमारी मनोकामना रहती है छठी मैया हमे देती हैं। आज शाम हम लोगों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया है और कल सुबह फिर से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।  

नहाए खाए से शुरू होता है पर्व
छठ पूजा पर पहले दिवस से नहाए खाए से शुरू होकर दूसरे दिन सुबह महिलाएं खरना में निर्जला उपवास रखती हैं। शाम को अलग चूल्हे में खीर और रोटी बनाकर खाते हैं। इसके बाद अगले दिन भर निर्जला उपवास रहकर संध्या को डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और अगले दिन सुबह-सुबह छठ घाट पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

जमकर की गई आतिशबाजी
छठ पर्व को लेकर शहर के सभी छठ घाटों पर आज लोगों की भारी भीड़ रही। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने छठ घाट में सूर्यषष्ठी महापर्व की खुशी में जमकर आतिशबाजी की गई। साथ ही जूटमिल छठ घाट में मेले जैसा माहौल रहा और यहां बच्चों के लिये यहां झुले भी लगाये गए थे।